बाढ़ ने पंजाब में आम आदमी पार्टी की अंदरूनी कलह को भी उजागर कर दिया है। पंजाब में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी अपने संकट को निपटाने में लगी है। एक नई प्रयोगशाला आम आदमी पार्टी के लिए पंजाब बन गया है। पार्टी के अपने एक अंदरूनी सर्वेक्षण में सामने आया है कि भगवंत मान का ग्राफ भी पंजाब में गिर रहा है और विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की स्थिति बहुत नाजुक हो चुकी है। चर्चाएँ हैं कि लोगों में मुख्यमंत्री भगवंत मान से उमीदें टूट चुकी हैं कि वो मजबूती से कुछ निर्णय कर पाएंगे।
पंजाब में बाढ़ आपदा ने आप की अंदरूनी क़लह को सामने ला दिया?
- पंजाब
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- 7 Sep, 2025
पंजाब में आई बाढ़ आपदा ने आम आदमी पार्टी की अंदरूनी खींचतान और राजनीतिक मतभेदों को उजागर कर दिया है। जानें कैसे राहत कार्य और प्रबंधन की कमियों ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए।

'दिल्ली लॉबी' कथित तौर पर प्रशासन में हस्तक्षेप कर रहा है और अपना नियंत्रण बनाये हुए है, उसकी चर्चाएँ पूरे पंजाब में आम तौर पर लोगों में होने लगी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान का अरविंद केजरीवल के साथ बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे पर न जाने और अचानक उनकी तबियत ख़राब होने के चलते अस्पताल में भर्ती होने से अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। सियासी हलकों में कुछ घटनाओं को संकेतों के तौर पर भी परखा जाता है। निरंतर पंजाब में सक्रिय रहने वाले अरविन्द केजरीवाल ने बाढ़ के हालात में कई दिनों बाद पंजाब की सुध ली है। सबसे पहले बाढ़ की चपेट में आये जिला गुरदासपुर अमृतसर की बजाये केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने पंजाब के सुल्तानपुर लोधी में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा उस दिन किया जब उनकी दिल्ली की अदलात में शराब घोटाले के ममले में पेशी थी। मुख्यमंत्री भगवंत मान चाहते थे कि पहले अमृतसर, गुरदासपुर, अजनाला, बटाला का दौरा किया जाये। कयास लगाया जाने लगा है कि अरविन्द केजरीवाल के पंजाब पर नियंत्रण की कोशिश में भगवंत मान को राज्यसभा जाने को कहा गया है।