सर्वोच्च सिख धार्मिक संस्थाओं में शुमार सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से पास किए गए ताज़ा प्रस्ताव में कहा गया है कि आरएसएस भारत में दूसरे धर्मों के लोगों और अल्पसंख्यकों की आवाज़ को दबा रहा है और यह भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश है। इसके बाद यह सवाल खड़ा हो रहा है कि आख़िर यह बयान क्यों दिया गया है, क्या वास्तव में संघ ऐसा कर रहा है? क्या इस बयान को 9 महीने बाद होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए दिया गया है। इसे समझने की कोशिश करते हैं।