loader

रंधावा के दामाद को एएजी बनाने पर विवाद, अकाली दल-आप हमलावर

आए दिन किसी न किसी तरह के विवाद से जूझ रही पंजाब सरकार को एक नए मुद्दे पर विपक्ष के हमलों का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब सरकार ने सोमवार को तरुण वीर सिंह लहल को एडिशनल एडवोकेट जनरल (एएजी) नियुक्त किया है। लहल राज्य के उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद हैं। लहल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सरकारी मामलों में पंजाब सरकार का पक्ष रखेंगे। 

कहा गया है कि लहल की नियुक्ति के लिए एडवोकेट जनरल एपीएस देओल ने अपने विशेष अधिकारों का इस्तेमाल किया है। मुकेश चंद बेरी को भी एएजी नियुक्त किया गया है। 

नाराज़गी दूर करने की कोशिश

रंधावा पंजाब का मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे थे। एक वक़्त उनका नाम लगभग तय हो गया था लेकिन फ़ाइनल मुहर चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर लगी। कहा जा रहा था कि रंधावा इससे नाख़ुश हैं। शायद उनकी नाराज़गी को दूर करने के लिए ही पंजाब सरकार ने उनके दामाद को एएजी बनाया है। 

इस साल जून में रंधावा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की जबरदस्त घेरेबंदी की थी क्योंकि अमरिंदर ने कांग्रेस के दो विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरी दी थी। लेकिन दामाद की नियुक्ति पर अब वह ख़ुद ही घिर गए हैं।

विपक्षी दलों ने खोला मोर्चा  

पंजाब में आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी और दिल्ली के विधायक राघव चड्ढा ने रंधावा के दामाम की नियुक्ति पर कहा, “कांग्रेस अपने हर घर नौकरी देने के चुनावी वादे को कुछ सुधार के साथ लागू कर रही है। जिन लोगों को ये नौकरियां मिल रही हैं, वे कांग्रेस के मंत्रियों के परिवार के लोग हैं और चन्नी अमरिंदर सिंह की विरासत को आगे ले जा रहे हैं।”

ताज़ा ख़बरें
जबकि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के मुख्य सलाहकार हरचरण बैंस ने तंज कसते हुए कहा है कि अब पंजाब में घर-घर नौकरी मिल गई है। उन्होंने कहा, “बेअंत सिंह का पोता, अतुल नंदा की पत्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद। जो पंजाबी रह गए, वे सारे इनके नौकर हैं।” 

देओल की नियुक्ति पर विवाद

एडवोकेट जनरल एपीएस देओल की नियुक्ति को लेकर पंजाब में पहले से ही जबरदस्त घमासान चल रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने देओल के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला हुआ है और वह किसी भी क़ीमत पर उन्हें हटाना चाहते हैं लेकिन शायद पंजाब सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। 

पंजाब से और ख़बरें
देओल ने कुछ दिन पहले मीडिया में एक बयान जारी कर कहा था कि सिद्धू सरकार और एडवोकेट जनरल के कामकाज में गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। देओल ने कहा था कि सिद्धू की बार-बार बयानबाज़ी की वजह से ड्रग्स और बेअदबी के मामले में इंसाफ़ दिलाने की राज्य सरकार की गंभीर कोशिशों को झटका लग रहा है। 
एडवोकेट जनरल ने कहा था कि सिद्धू ग़लत सूचनाएं फैला रहे हैं और ऐसा वह अपने राजनीतिक सहयोगियों के ख़िलाफ़ सियासी फ़ायदा हासिल करने के लिए कर रहे हैं।

लेकिन इसके बाद सिद्धू सामने आए थे और उन्होंने कहा था कि एडवोकेट जनरल न्याय व्यवस्था को चौपट कर रहे हैं। सिद्धू यह भी कह चुके हैं कि देओल को हटाए जाने तक वह प्रदेश कांग्रेस के दफ़्तर जाकर काम नहीं संभालेंगे। 

पंजाब में चार महीने के भीतर विधानसभा के चुनाव होने हैं और कांग्रेस में जिस तरह के झगड़े चल रहे हैं, उससे आम आदमी पार्टी और अकाली दल को राज्य में उनकी सरकार बनने की उम्मीद है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पंजाब से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें