loader

जालौर कांडः एडीजीपी भी 22 दिन बाद मटका तलाशने पहुंचे

राजस्थान के जालौर मामले में पुलिस का कहना है कि वहां कोई मटका या मटकी नहीं मिली है। सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के छात्रों का कहना है कि वे लोग स्कूल की टंकी से पानी पीते थे। हालांकि जो कमरा स्कूल टीचर छैल सिंह का बताया गया, वहां मटका रखने की जगह मिली लेकिन मटका नहीं था। यह सारी जानकारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) रवि प्रकाश ने सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में दी है। इस रिपोर्ट से यही ध्वनि निकल रही है कि स्कूल में टीचर के पीटने से किसी छात्र की मौत नहीं हुई है। दलित संगठनों ने इस पुलिस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि हमारा शुरू से आरोप है कि पुलिस और सवर्ण समाज इस मामले को मिलकर दबा रहा है। 

ताजा ख़बरें

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने गहलोत सरकार को 72 घंटे का समय देते हुए पीड़ित परिवार की मदद और इंसाफ दिलाने की मांग की है। अगर मांगें पूरी नहीं हुई तो भीम आर्मी अगली रणनीति का ऐलान करेगी। 20 अगस्त को राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर भीम आर्मी ने प्रदर्शन किया। भीम आर्मी ने कहा कि एडीजीपी की रिपोर्ट में कोई नई बात नहीं है। वो एक तरह से मीडिया ने जो बताया, उसी कहानी को दोहराया गया है। इसलिए इस रिपोर्ट पर विश्वास नहीं किया जा सकता।

राजस्थान सरकार ने एडीजीपी क्राइम को मामले की जांच घटनास्थल पर करने और रिपोर्ट देने को कहा था। एडीजीपी ने स्कूल और गांव में जाकर इस मामले की जांच की। बता दें कि जालौर के सुराणा गांव में हाल ही में एक दलित छात्र इंद्र मेघवाल की मौत हो गई थी। घर वालों का आरोप है कि स्कूल में इस दलित छात्र ने टीचर छैल सिंह के मटके से पानी पी लिया था। आरोप है कि उन्होंने छात्र की बहुत पिटाई की। करीब 22 दिनों बाद छात्र इंद्र मेघवाल की मौत हो गई। 

राजस्थान से और खबरें

मीडिया का एक वर्ग शुरू से कह रहा था कि दलित छात्र की मौत पीटे जाने से नहीं हुई है। कई टीवी चैनल दिल्ली से उस गांव में कवरेज करने पहुंचे और उन्होंने बताया कि उन्हें स्कूल में कोई मटकी नहीं मिली है। स्कूल के छात्रों का कहना है कि वे लोग स्कूल में लगी टंकी से पानी पीते थे। गांव वालों ने भी यही कहा था कि बच्चे स्कूल की टंकी से पानी पीते हैं। अब जब सरकार ने एडीजीपी क्राइम से जांच कराई तो उन्होंने भी अपनी रिपोर्ट में उन्हीं बातों को दर्ज किया, जिन्हें अभी तक मीडिया का एक वर्ग दिखा रहा था। 

दलित संगठनों का कहना है कि वे छात्र  इंद्र कुमार मेघवाल के परिवार को इंसाफ मिलने तक आंदोलन करते रहेंगे। भले ही वे बहुत सशक्त नहीं हैं और मीडिया का भी समर्थन नहीं है, इसके बावजूद उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच सोशल मीडिया पर शनिवार को एक वीडियो दिखाई दिया, जिसमें आरोपी टीचर छैल सिंह को बहुत दीनहीन दिखाया गया है। उनका घर खपरैल का बना हुआ है। घर की स्थिति भी ठीक नहीं है। हालांकि इस वीडियो के जरिए क्या कहने की कोशिश की गई है, यह कोई नहीं जानता। लेकिन इसके बाद सोशल मीडिया पर छैल सिंह के समर्थन में सहानुभूति दिखी और कुछ लोगों ने आर्थिक मदद देने की बात भी कही।

 

 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजस्थान से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें