loader

राजस्थान: 2018 में कांग्रेस जीती थी, इस बार क्या बीजेपी से पार पाएगी? 

राजस्थान में पिछले कुछ दशकों में कांग्रेस और बीजेपी पाँच-पाँच साल बारी-बारी से सत्ता में आती रही हैं तो क्या इस बार भी कुछ वैसा ही नतीजा आएगा या फिर ट्रेंड बदलेगा? 

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत हुई थी। इसने कुल 200 सीटों में से 100 सीटें हासिल की थीं। बीजेपी को 73 सीटें ही मिल पाई थीं। अन्य के खाते में 27 सीटें गई थीं। कांग्रेस ने निर्दलीय विधायकों और बीएसपी के विधायकों को साथ लेकर सरकार बनायी थी। 

rajasthan assembly polls 2018 result congress vs bjp - Satya Hindi
पिछले चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीटों का अंतर भले ही काफ़ी ज़्यादा रहा हो लेकर वोट प्रतिशत में ज़्यादा बड़ा अंतर नहीं रहा था। कांग्रेस को 39.30 फ़ीसदी वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 38.77 फ़ीसदी। अन्य को क़रीब 21 फ़ीसदी वोट मिले थे। 
rajasthan assembly polls 2018 result congress vs bjp - Satya Hindi

इस बार कहा जा रहा है कि बीजेपी में अंदरुनी कलह है और वसुंधरा राजे को कथित तौर पर दरकिनार किए जाने की ख़बर है। बीजेपी इस चुनाव में सामूहिक नेतृत्व के जरिए जनता के सामने जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी चुनावी रैली में इस बात पर जोर दिया कि भाजपा कमल के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। 

वैसे, क़लह तो कांग्रेस में भी गहलोत और सचिन पायलट गुट में रही थी, लेकिन फिलहाल दोनों के बीच सहमति बन गई लगती है। 

ताज़ा ख़बरें

इस चुनाव में कांग्रेस के सामने अपनी सत्ता विरोधी लहर को कम कर सरकार बचाने की चुनौती होगी। वहीं, भाजपा एक बार फिर राज्य की सत्ता में आने की कोशिश करेगी। बीजेपी जहाँ हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण का संकेत दे रही है वहीं, कांग्रेस ने ओबीसी कार्ड का दाँव चला है। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में जाति सर्वेक्षण की घोषणा कर दी है। सियासी गलियारों में इसे गहलोत के मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन यह फैसला चुनाव आचार संहिता लगने से ठीक पहले किया गया है, इसलिए इसके लागू होने पर अभी चुनाव आयोग की तलवार लटकी हुई है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजस्थान से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें