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राजस्थान : सचिन पायलट खेमे ने किया 30 विधायकों के समर्थन का दावा

ऐसे समय जब राजस्थान कांग्रेस में विभाजन बिल्कुल साफ़ है और सचिन पायलट-अशोक गहलोत एक दूसरे के ख़िलाफ मोर्चेबंदी में लगे हुए हैं, कांग्रेस विधायक दल की बैठक जयपुर में बुलाई गई है। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब सचिन पायलट अपने 19 समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। 
समझा जाता है कि कांग्रेस हाई कमान ने सचिन पायलट से कहा है कि वह जयपुर जाएं और विधायकों की बैठक में भाग लें। लेकिन सचिन पायलट का कहना है कि उनके साथ 30 विधायक हैं और इस कारण अशोक गहलोत की सरकार अल्पमत में है। यानी, गहलोत सरकार के पास बहुमत का समर्थन नहीं है। 
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सचिन पायलट ने विधायकों की बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया है। समझा जाता है कि वह अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं और किसी तरह का समझौता नहीं चाहते।

3 विधायकों ने पल्टी मारी?

इससे पहले सचिन पायलट के नज़दीकी विधायक दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा मुख्यमंत्री से मिलने उनके घर गए थे। वहाँ प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीनों विधायकों ने कहा था कि 'हमारी आस्था मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में है। हम लोग दिल्ली अपने व्यक्तिगत काम से गए थे।'

तीनों ने कहा कि सचिन पायलट से पिछले दो दिनों में उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है। इसे मुख्यमंत्री की बड़ी सफलता माना जा रहा है क्योंकि यह तीनों विधायक सचिन पायलट के दोस्त हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में उनसे वफ़ादारी रखने वाले विधायकों ने शिरकत की है।
समझा जाता है कि मुख्यमंत्री ने शक्ति परीक्षण के लिए यह बैठक बुलाई है, जिसमें स्थिति बहुत कुछ साफ़ हो जाएगी। इस बैठक में जो विधायक शिरकत नहीं करेंगे, गहलोत उनके बारे में पार्टी हाई कमान से यह सकेंगे कि उन्होंने अनुशासन तोड़ी है, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए। 

क्या होगा बैठक में?

लेकिन यह जोखिम भरा फ़ैसला इस मामले में है कि यदि बहुसंख्यक विधायकों ने मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ खुले आम बग़ावत कर दी तो गहलोत बुरी तरह फँस जाएंगे। 
पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस बैठक का मक़सद यह भी हो सकता है कि एक बार फिर सुलह सफ़ाई की कोशिश की जाए।
पार्टी हाई कमान सचिन पायलट पर दबाव बनाए कि वह मुख्यमंत्री से सहयोग करें और मुख्यमंत्री से कहे कि वह पायलट और दूसरे विधायकों के ख़िलाफ़ जारी किए गए नोटिस को वापस ले लें। 

पायलट हैं दिल्ली में!

गहलोत ने जिस दिन यह बैठक रखी है, उसी दिन यानी रविवार की सुबह सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली पहुँच गए। वह वहाँ पार्टी हाई कमान से मुलाक़ात कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं। 
राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के अनुसार, मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि किसी विधायक या मंत्री का फोन बंद आए या फिर वह नहीं मिल रहा है तो उससे संपर्क किया जाना चाहिए, सरकार बचाने की ज़िम्मेदारी सब पर है।

मुख्यमंत्री का रवैया नरम?

खाचरियावास ने इंडिया टुडे से कहा,

'मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली गए विधायकों के संपर्क में हैं। सचिन पायलट हमारे प्रदेश अध्यक्ष हैं। अगर कोई विधायक उनके साथ गया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि अशोक गहलोत के ख़िलाफ़ गया है।


प्रताप सिंह खाचरियावास, परिवहन मंत्री, राजस्थान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के तल्ख़ रिश्तों की बात नयी नहीं है। ख़ुद पायलट मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे और उन्हें समझा बुझा कर ही गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उसके बाद भी दोनों नेताओं में नहीं बनी थी और उनके बीच की खटपट कई बार खुल कर सामने आ गई थी। 
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क़मर वहीद नक़वी
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