दोस्तों, कल रात प्रभु राम मेरे सपने में आए। मैं उनका दिव्य रूप देखकर चकित था, हतप्रभ था। मुझे लगा मैं सपना देख रहा हूँ। मैंने खुद को चिकोटी काटकर चेक करना चाहा... तभी उनकी वाणी गूँजी… क्या सोच रहे हो वत्स... मैंने मान लिया कि हो न हो प्रभु राम साक्षात मेरे समक्ष खड़े हैं। मैंने उन्हें प्रणाम किया तो उन्होंने आशीर्वाद दिया- सत्यमार्गी भव।
...जब प्रभु राम मेरे सपने में आए!
- व्यंग्य
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- 29 Mar, 2025

प्रतीकात्मक तस्वीर।
भगवान राम अपने लिए कैसा मंदिर पसंद करते और क्या अयोध्या में जो हो रहा है उससे वह प्रसन्न होंगे? जानिए, भगवान राम के लिए आदर्श मंदिर कैसा हो!
फिर पूछा- अयोध्या जा रहे हो। मैं पसोपेश में पड़ गया। अगर सच बोल दूँ तो कहीं नाराज़ न हो जाएं। और अभी उन्होंने सत्यमार्गी होने का आशीर्वाद दिया है तो झूठ कैसे बोलूं। लेकिन वे ठहरे अंतर्यामी… मेरी दुविधा समझ गए।