दोस्तों, कल रात प्रभु राम मेरे सपने में आए। मैं उनका दिव्य रूप देखकर चकित था, हतप्रभ था। मुझे लगा मैं सपना देख रहा हूँ। मैंने खुद को चिकोटी काटकर चेक करना चाहा... तभी उनकी वाणी गूँजी… क्या सोच रहे हो वत्स... मैंने मान लिया कि हो न हो प्रभु राम साक्षात मेरे समक्ष खड़े हैं। मैंने उन्हें प्रणाम किया तो उन्होंने आशीर्वाद दिया- सत्यमार्गी भव।