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उलटबांसीः मत-मत में हैं राम बसे

वैधानिक चेतावनीः प्रस्तुत व्यंग्य में वर्णित स्थान, काल, पात्र एवं घटनाएं पूर्णत: काल्पनिक हैं, इनका किसी व्यक्ति, दल या संस्था विशेष से कोई संबंध नहीं है। हालाँकि जिस काल और परिस्थितियों में हम रह रहे हैं, उसमें कहीं कोई मेल या समानता दिखे तो यह बहुत स्वाभाविक है, लेकिन इसे संयोग मात्र ही माना जाना चाहिए। 

मेरे अत्यंत प्रिय मतदाताओं....

महाबली का आपको सादर प्रणाम।  

ये अतीव उल्लास और हर्ष का क्षण है....ऐसा क्षण बिरले नेताओं के जीवन में आता है। मैं इस क्षण की जाने कब से प्रतीक्षा कर रहा था...मेरा स्वप्न पूरा हुआ....अयोध्यापति श्रीराम के आशीर्वाद से मै चंद महीनों में इस महादेश का चक्रवर्ती सम्राट बनने जा रहा हूँ......राजसत्ता, धर्मसत्ता, धनसत्ता अब मेरी मुट्ठी में हैं....मैं अपराजेय हूँ....विश्वगुरु हूँ.....मेरा डंका समूचे पृथ्वीलोक में बज रहा है...

मैं भगवान श्रीराम का अभारी हूँ कि उन्होंने मुझे इस योग्य समझा। मैं इसके लिए भी उनका ऋणी हूँ कि उन्होंने रामराज्य की स्थापना के पुनीत कार्य के लिए मुझे चुना।   

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इस पवित्र अवसर पर सर्वप्रथम मैं उन कोटि कोटि मतदाताओं को प्रणाम करता हूँ जिन्होंने मुझे मत दिया और मैं महाबली बनने में कामयाब हुआ...मेरी मान्यता है कि कण कण में नहीं मत मत में राम हैं। इसीलिए मैं उन सभी मतदाताओं में राम देखता हूँ जिन्होंने मुझे मत दिया...सच तो ये है कि मैं केवल उन्हें ही सच्चा रामभक्त मानता हूँ। 

अब जिन्होंने मुझे वोट नहीं दिया उनके बारे में मैं क्या कहूँ....उनकी राम भक्ति के बारे में क्या कहूँ। सच पूछिए तो जिन्होंने मुझे मत नहीं दिया उनमें राम नहीं बसते...वे यदि मेरे काज के नहीं हैं तो राम के काज के भी नहीं हैं...मैं उन मतदाताओं के लिए भगवान राम से प्रार्थना करता हूँ कि उन्हें सद्बुद्धि दे.....उनमें रामभक्ति जगाए और वे मुझे मत देकर स्वयं को सच्चे रामभक्त सिद्ध करें।

मितरों....जैसा कि आप सबको ज्ञात है ये नए कालचक्र का उद्गम है....ऐसे कालचक्र का उद्गम जिसमें केवल मैं ही मैं होऊंगा। यत्र, तत्र, सर्वत्र। मैं कण कण और क्षण क्षण में व्याप्त होऊंगा। डाल डाल पात पात में रहूँगा।  

देश में विदेश में, हर आयोजन में, हर समारोह में, हर घटना-दुर्घटना में, हर चैनल में, हर फोटो के फ्रेम में, रेल्वे स्टेशन से लेकर शौचालय तक मैं ही मैं। कोई अगर इसमें व्यवधान डालेगा तो उसे रास्ते से हटा दूँगा, दंडित करूंगा, जेल में डाल दूँगा। 

मित्रों....ये महान क्षण अनायास ही नहीं आया है....ये मेरी बरसों की तपस्या का सुफल है....और ये फल मैं अकेले ही खाऊँगा....ये फल सिर्फ और सिर्फ मेरे लिए ही है...अगर किसी ने फल पर आँखें गड़ाईं तो उसे तत्काल मार्गदर्शक मंडल में भेज दिया जाएगा...या फिर उसके पीछे ईडी लगा दी जाएगी....

मितरों, आपसे क्या छिपा है....हम बरसों से षड़यंत्ररत, क्षमा कीजिएगा संघर्षरत थे कि कैसे सत्ता में आएं, कैसे सरकार बनाएं....हमने हर उपाय करके देख लिया था....हमने गौ माता को चुनाव कार्य में लगाया...हमने पाकिस्तान को गरियाया...हमने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया...नाना प्रकार के विवाद खड़े किए...दंगे-फसाद किए और करवाए....लेकिन हमारे काम आए श्रीराम......

मैं आपसे कहना चाहता हूँ मित्रों कि राम नाम में बड़ी शक्ति है। जबसे मैंने श्रीराम का अखंड जाप शुरू किया मेरे ऊपर किरपा बरसनी शुरू हो गई.....आज भी बरस रही है...लेकिन अभी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। 

आप जानते ही हैं कि राम द्रोही समस्याएं खड़ी करते रहते हैं.....मेरे बारे में तरह तरह से प्रचार करते रहते हैं....महाबली ऐसा है, वैसा है....इसका है उसका है....लेकिन मुझे यकीन है कि श्रीराम के आशीर्वाद से... और धन्ना सेठों एवं जाँच एजंसियों की मदद से हम उनसे निपट लेंगे....ये सब राम काज में ही जुटे हुए लोग हैं....धन्य है इनकी रामभक्ति....इन्हें मेरा प्रणाम... 

मुझे पूरा भरोसा है कि खुले आसमान के नीचे इतने साल तक रहने वाले भगवान राम... भव्य मंदिर मिलने के बाद बहुत खुश होंगे। वे मुझे स्वर्ग से आशीर्वाद दे रहे होंगे कि मैं फिर चुनाव में जीतूं और फिर सत्ता में आऊं....निरंतर आता रहूं और मृत्युपर्यंत महाबली बना रहूँ.... 

मुझे पूरा भरोसा है कि वे मुझे लाएंगे ही....मैं उनको लाया हूँ तो वे हमें क्यों नहीं लाएंगे...ज़रूर लाएंगे....अभी तो उनका मंदिर अपूर्ण है और उन्हें इस बात की चिंता ज़रूर होगी, होनी ही चाहिए...प्रभु तो सर्वज्ञ हैं, वे जानते हैं कि मैं उनकी उंगली पकड़कर क्यों लाया.... इसीलिए कि वे मुझे लाएंगे...

दरअसल, मेरा उन पर अटूट विश्वास है...वे मुझे पहले भी लाए थे...कभी कभी नहीं भी लाए थे...तब मुझे शक़ ज़रूर हुआ था कि उनको लाने से क्या सचमुच में वे मुझे ला सकेंगे....लेकिन मैंने धैर्य रखा...चुनाव दर चुनाव उन्हें आज़माता रहा....और उसका परिणाम आपके सामने है...

ये भी सच है कि मेरे पास दूसरा विकल्प नहीं था...लिहाज़ा मैं उनको लाने में लगा रहा....लोगों ने मुझ पर शक़ किया....कहा मैं उन्हें लाना नहीं चाहता बस सत्ता में आना चाहता हूँ....लेकिन ये सच नहीं था...मैं सत्ता में आना चाहता था और इसीलिए उन्हें लाना भी चाहता था....

और देखिए प्रभो का चमत्कार कि आख़िरकार मैं आ ही गया....अब मैं चाहता हूं कि लगातार आता रहूं इसलिए मैं उन्हें स्थायी तौर पर ले आया हूं।


प्रिय मतदाताओं, अभी मैं कृष्ण को भी लाऊंगा, शिव को भी लाउँगा....इन देवताओं की किरपा भी मुझे चाहिए क्योंकि मैं केवल राम के भरोसे नहीं रह सकता.....क्या पता वे कब कुपित हो जाएं, अपने इस सत्ताभक्त से मुँह मोड़ लें.... अन्य देवी देवताओं को भी प्रसन्न रखना होगा। जो आकाश में रहते हैं उनको भी और जो पृथ्वीलोक में रहते हैं उन्हें भी। चुनाव में जीत के लिए प्लान बी और प्लान सी हमेशा रखना चाहिए। 

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मैं शिवभक्तों और कृष्ण भक्तों से अनुरोध करता हूं....ओह हां, अब तो मैं महाबली हूँ.....आदेश भी दे सकता हूँ। तो शिव और कृष्ण के भक्त मतदाताओं हमें वोट दो ताकि हम उनके भी भव्य मंदिर बनवा सकें। 

अंत में भगवान राम से पुन प्रार्थना करूंगा कि वे मेरा कल्याण करें...मैं उनसे और कुछ नहीं चाहता। मैं तो फ़कीर आदमी हूँ। न कोई मेरे आगे है न पीछे। मुझे अपने लिए क्या चाहिए। मैं तो अपना कल्याण इसलिए चाहता हूँ ताकि अपने मित्रों का भला कर सकूं...मुझे वोट देने वालो का भला कर सकूँ। और जो वोट नहीं देते हैं उनका अनिष्ट कर सकूँ। 

जयश्रीराम...
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मुकेश कुमार
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