चंटपना किसी चकरम, चिरकुट गणराज्य का जीवन मूल्य हो सकता है। लेकिन क्या कोई कल्पना कर सकता था कि पांच हज़ार साल के गौरवशाली इतिहास और 140 करोड़ आबादी वाला दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र चंट चिंतन को इस तरह आत्मसात कर लेगा। टपोरी मुन्ना ने जब मेडिकल कॉलेज कब्जाया तो हैरान होते हुए डीन जे.अस्थाना ने कहा “आई एम शॉक्ड, नेवर सीन सच थिंग इन माई लाइफ“
लोकतंत्र के घाट पर भई चंटन की भीड़
- व्यंग्य
- |
- |
- 16 Sep, 2025
Indian Democracy Hoarded by Swindlers: देश में चंट संस्कृति ने क्रिकेट विवाद से लेकर राजनैतिक पैंतरेबाजी तक में भारत के लोकतंत्र को जकड़ लिया है। यह संस्कृति देश को कैसे खोखला कर रही है, वरिष्ठ पत्रकार राकेश कायस्थ का व्यंग्य पढ़ें।

जवाब में मुन्ना ने इतिहास में अमर होनेवाला डायलॉग मारा “ लाइफ में बहुत कुछ फर्स्ट टाइम इच होता है, मामू। अब तो आदत डाल ले।“
राकेश कायस्थ युवा व्यंग्यकार हैं। उनका व्यंग्य संग्रह 'कोस-कोस शब्दकोश' बहुत चर्चित रहा। वह 'प्रजातंत्र के पकौड़े' नाम से एक व्यंग्य उपन्यास भी लिख चुके हैं।