हिंदुस्तान में कुछ मीडिया चैनलों की ये स्थिति हो गयी है कि आयं-बायं-सांय जो मिले, चला दो। बस, इस आयं-बायं-सांय से सनसनी फैल जाए। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग उनकी सोशल मीडिया पर लानत-मलानत करें, उन्हें गोदी मीडिया कहें या कुछ और।
POK पर स्ट्राइक की फर्जी ख़बर चलाई, गोदी मीडिया की हुई धुलाई
- सोशल मीडिया
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- 21 Nov, 2020
हिंदुस्तान में कुछ मीडिया चैनलों की ये स्थिति हो गयी है कि आयं-बायं-सांय जो मिले, चला दो। बस इस आयं-बायं-सांय से सनसनी फैल जाए।

ये चैनल हर ख़बर को इस तरह से सजाते हैं कि उससे फ़ायदा देश की सरकार को हो और जिस पार्टी की सरकार है, उसके नेता जनता को जाकर बताएं कि देखो मोदी जी ने फलां काम कर दिया। यहां मुश्किल इसी बात की है कि जनता तक जब तक सच्चाई पहुंचती है, उससे पहले झूठ उन तक पहुंच जाता है।
झूठ फैलाने का यह तंत्र बेहद चुस्त है और इसने हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों को इन चैनलों पर दिखाई गई ख़बरों को ही सच मानने को मजबूर कर दिया है। मजबूर ही कहेंगे क्योंकि अगर आप इन चैनलों को देखने वाले किसी शख़्स को किसी ख़बर का सच बताएंगे तो वो आपकी बात पर यक़ीन ही नहीं करेगा उल्टा आपको ही देशद्रोही कहेगा।