loader
ट्विटर/नरेंद्र मोदी

18 पुरुष, 0 महिला और मोदी पर टूट पड़ा सोशल मीडिया

बॉलिवुड महिलाओं के साथ ऐसा क्या हुआ कि ट्विटर सेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही टूट पड़ी? दरअसल, भारतीय फ़िल्म एवं मनोरंजन जगत के एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की। अभिनेता अक्षय कुमार, अजय देवगन, फिल्म निर्माता करण जौहर, राकेश रोशन, सेंसर बोर्ड प्रमुख प्रसून जोशी और प्रड्यूसर गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सिद्धार्थ रॉय कपूर मोदी से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा थे, लेकिन इसमें एक भी महिला नहीं थी। इसी बात पर सोशल मीडिया पर लोग भड़क गए। लोगों ने सवाल उठाए कि प्रतिनिधि मंडल में एक भी महिला क्यों नहीं शामिल की गई। 

लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ दीं। नेहा शर्मा ने लिखा, "18 पुरुष. 0 महिला।"

प्रियंका नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा कि इसका हिस्सा बनने के लिए किसी महिला को ढूँढना बड़ा मुश्किल काम रहा होगा। उन्होंने आगे लिखा कि क्या कभी किसी ने किसी महिला अभिनेत्री, महिला निर्देशक, महिला निर्माता, महिला पटकथा लेखक का नाम सुना है! मनोरंजन उद्योग में यह 'पुरुषवादी कार्यक्रम' है।

'समस्या समाधान के लिए तो मिल लें'

अमित मिश्रा नाम के एक ट्विटर यूजर ने मोदी पर तंज कसते हुए लिखा है कि प्रधानमंत्री जी एक्ट्रेस सायरा बानो भी आपसे मिलना चाहती हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि सायरा फ़ोटो खींचवाने के लिए नहीं, बल्कि समस्या समाधान के लिए मिलना चाहती हैं।

'अगली बार महिलाओं को भी बुलाइएगा'

कोयना मित्रा ने लिखा है कि सर मुझे निश्चित तौर पर लगता है कि फ़िल्म के इन लोगों ने #MeToo, पे गैप, भेदभाव, पुरुषों का वर्चस्व, गुंडागर्दी के समाधान की बात की होगी। अगली बार कृपया महिलाओं को भी आमंत्रित कीजिएगा। महिलाओं के बिना ये पुरुष इस धँधे को नहीं चला पाएँगे। भारतीय फ़िल्म जगत बिना महिलाओं के आगे बढ़ ही नहीं सकता है।

'बॉलीवुड में पुरुषों का वर्चस्व' 

नीरज नाम के एक यूजर ने लिखा है कि किसी भी महिला के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं होने का सीधा संदेश है कि बॉलीवुड में पुरुषों का वर्चस्व है।
प्रधानमंत्री को रिप्लाई करते हुए आशीष दवे ने लिखा है कि फ़िल्म उद्योग से महिलाएँ कहाँ हैं? वे इस बैठक के लिए क़ाबिल नहीं थीं क्या? आपको फ़िल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के कास्टिंग काउच से जुड़े मुद्दे भी उठाने चाहिए थे।
बता दें कि प्रधानमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल ने मनोरंजन उद्योग के लिए जीएसटी की दरें कम व एक समान रखने की माँग की। पीआईबी द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक़, प्रतिनिधि मंडल ने मोदी को भारत में मीडिया व मनोरंजन उद्योग में विकास की व्यापक संभावनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

सोशल मीडिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें