loader
फ़ोटो साभार: ट्विटर/विराट कोहली

2020: जब कोहली की कप्तानी पर उठे गंभीर सवाल!

कप्तान कोहली के लिए समस्या सिर्फ़ टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी की नहीं है। वन-डे क्रिकेट में भी कोहली की टीम निर्णायक लम्हों में बिखर जाती है और अब तक कोई ट्रॉफ़ी नहीं जीत पायी है। और तो और आईपीएल में उनकी टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने काफ़ी उम्मीदें जगाने के बाद फिर से मायूस ही किया। 
विमल कुमार

इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि क्रिकेट का सबसे छोटा और सबसे लोकप्रिय फ़ॉर्मेट टी-20 यानी 20-20 वर्ल्ड कप का आयोजन साल 2020 में मुमकिन नहीं हो पाया! दरअसल, जिस कोरोना संकट से पूरी दुनिया जूझी उससे क्रिकेट कैसे अछूता रह सकता था? न सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया में होने वाला टी20 वर्ल्ड कप दो साल के लिए स्थगित हुआ बल्कि मार्च के महीने में होने वाला महिला वर्ल्ड कप भी एक साल  पीछे चला गया।

लेकिन, ऐसा नहीं रहा कि कोरोना पूरी तरह से क्रिकेट के हौसले को पस्त कर पाती। बीसीसीआई ने जिस शानदार तरीक़े से देर से ही सही और वो भी विदेश में आईपीएल का कामयाब आयोजन कराया उसकी मिसाल ना सिर्फ़ भारत में बल्कि दुनिया में दी जायेगी।

ख़ास ख़बरें

पर सवाल यह है कि भारतीय क्रिकेट इस साल को याद कैसे करेगा? टेस्ट क्रिकेट में सबसे न्यूनतम स्कोर 36 रन पर आउट होने के लिए या फिर मेलबर्न में साल के आख़िर में यादगार पलटवार के लिए? अंजिक्य रहाणे की कप्तानी पारी भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे उम्दा पारियों में से गिनी जायेगी। रहाणे ने दिखाया कि कैसे वह लाल गेंद की क्रिकेट में कोहली की टेस्ट कप्तानी के विकल्प साबित हो सकते हैं। इस बात पर आप चौंकिये नहीं। 

अगर SENA यानी दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में धोनी को 23 मैचों में सिर्फ़ 3 जीत मिली तो कोहली को भी 17 मैचों में सिर्फ़ 4 जीत हासिल हुई है और इनमें से 2 जीत तो अकेले पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिली थी। यानी मुश्किल चुनौती वाले देशों में जीत के नतीजे हासिल नहीं करने के लिए जिस तरह की कड़ी आलोचना धोनी की होती थी, कोहली भी कमोबेश उसी श्रेणी के कप्तान साबित हुए हैं। 

धोनी के पास अपना बचाव करने के लिए तो सफेद गेंद की क्रिकेट में जीते हुए 2 वर्ल्ड कप भी थे लेकिन कोहली के पास वह भी नहीं है।

साल की शुरुआत में न्यूज़ीलैंड जैसी टीम ने कोहली की टीम को 2-0 से हराया। हैरानी यह कि हर मैच 3 दिन के भीतर ख़त्म हुए। साल की शुरुआत कोहली के लिए जैसी रही, उसका अंत भी वैसा ही रहा। 

2020 indian cricket team and virat kohli performance - Satya Hindi

लेकिन, कप्तान कोहली के लिए समस्या सिर्फ़ टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी की नहीं है। वन-डे क्रिकेट में भी कोहली की टीम निर्णायक लम्हों में बिखर जाती है और अब तक कोई ट्रॉफ़ी नहीं जीत पायी है। और तो और आईपीएल में उनकी टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने काफ़ी उम्मीदें जगाने के बाद फिर से मायूस ही किया। वहीं उनके साथी और कप्तानी को चुनौती देने वाले रोहित शर्मा ने रिकॉर्ड 5वीं बार ट्रॉफ़ी मुंबई इंडियंस को दिला डाली। 

अब यह बात खुलकर होने लगी है कि सफेद गेंद में रोहित की कप्तानी का जोड़ नहीं है और मुमकिन है कि 2021 में यह चर्चा और तेज़ हो। कप्तानी के अलावा एक और समस्या से कोहली को जूझना पड़ा। यह कोहली के करियर में पहला ऐसा मौक़ा रहा जब बल्लेबाज़ के तौर पर पूरे साल वह एक अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने के लिए भी तरस गये।

2020 indian cricket team and virat kohli performance - Satya Hindi

बहरहाल, भारतीय क्रिकेट अगर 2020 को सबसे ज़्यादा एक बात के लिए याद करेगा तो वह रहेगी अपने अनूठे अंदाज़ में धोनी का क्रिकेट के हर फ़ॉर्मेट से संन्यास लेना। इंस्टाग्राम पर साहिर लुधियानवी के गीत का इस्तेमाल कर धोनी ने जो ख़ुद से वीडियो मोंटाज तैयार किया और फैंस के साथ शेयर किया, वैसा शायद ही कोई दूसरा क्रिकेटर कर पाये। धोनी के अलावा इरफान पठान और सुरेश रैना ने भी क्रिकेट को अलविदा कहा।

कोरोना संकट के चलते 129 दिनों तक क्रिकेट पूरी तरह से दुनिया से ओझिल हो गया और जब वेस्टइंडीज़ की टीम जुलाई महीने में 3 मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलने पहुँची तो पहले टेस्ट में उनकी यादगार जीत से ज़्यादा चर्चा BLACK LIVES MATTER पर उनके शालीन तरीक़े से स्टैंड लेने पर हुई। इसी दौरान टीवी पर कमेंट्री करते हुए माइकल होल्डिंग ने अश्वेत लोगों के लिए जो बातें कहीं उससे उनकी तुलना सामाजिक मुद्दों पर स्टैंड लेने के लिए महानतम एथलीट मुहमम्द अली से भी की जाने लगी।

भारतीय क्रिकेटर्स, अफ़सोस की बात है, कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो सत्ता के ख़िलाफ़ कभी भी मुँह खोलते नज़र नहीं आये।

भारतीय क्रिकेटर्स, अफ़सोस की बात है, कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो सत्ता के ख़िलाफ़ कभी भी मुँह खोलते नज़र नहीं आये।

ऐसे में बुजुर्ग दिखने वाले बिशन सिंह बेदी ने साल के अंत में फिरोजशाह कोटला मैदान में अरुण जेटली की प्रतिमा को लेकर जिस तरह का कड़ा रुख़ अख़्तियार किया उसकी कोई मिसाल इस साल तो क्या अतीत में भी देखने को नहीं मिली।

अजीब विडंबना यह है कि जिस सौरव गांगुली की पहचान एक लड़ाकू, जूझारु और भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदलने वाले कप्तान के तौर पर हुई वह आज बीसीसीआई अध्यक्ष की कुर्सी पर हर हाल में चिपके रहने के लिए अपने सिंद्धांतों के साथ–साथ हर तरह के राजनैतिक समझौते करते दिख रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद अगर गांगुली की छवि को सबसे ज़्यादा धक्का किसी साल लगा तो वह 2020 ही रहा।

2020 indian cricket team and virat kohli performance - Satya Hindi

इस साल अगर हार्दिक पंड्या ने यह साबित किया कि वह सिर्फ़ बल्ले के दम पर भारतीय क्रिकेट में अपनी हस्ती बरकरार रख सकते हैं तो रवींद्र जाडेजा ने यह साबित किया कि वह सिर्फ़ बल्ले या गेंद के दम पर अकेले ही प्लेइंग इलवेन का हिस्सा हो सकते हैं और अगर उन्हें ऑलराउंडर माना जाए तो उनके आस-पास तो बेन स्टोक्स के आँकड़े भी फीके पड़ जाते हैं। साल के ख़त्म होते होते शुभमन गिल ने दिखाया कि भारतीय क्रिकेट को कोहली के बाद भविष्य का एक सुपर स्टार बल्लेबाज़ मिल चुका है।

अगर भारत के बाहर की क्रिकेट पर नज़र डालें तो इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन का 600 विकेट के क्लब में शामिल होना एक शानदार बात रही। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में किसी भी तेज़ गेंदबाज़ ने 600 विकेट नहीं लिए थे।

फिर भी त्रासदी यह है कि यह साल क्रिकेट के लिये कम कोरोना के लिये अधिक याद किया जायेगा।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
विमल कुमार
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

खेल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें