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भाविना पटेलफ़ोटो साभार: ट्विटर/अरविंद केजरीवाल

टोक्यो पैरालिंपिक में भाविना ने रजत पदक जीत रचा इतिहास!

टोक्यो पैरालिंपिक में भारत की भाविना पटेल ने टेबल टेनिस क्लास 4 की महिला एकल स्पर्धा में रजत पदक जीता है। वह फाइनल में चीन की झाउ यिंग के ख़िलाफ़ स्वर्ण पदक से चूक गईं। इस पैरालिंपिक खेलों में यह भारत का पहला पदक है। पैरालिंपिक में टेबल टेनिस में यह भारत का पहला पदक है। उनकी इस शानदार जीत की भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने भी तारीफ़ की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है, '... आपके असाधारण दृढ़ संकल्प और कौशल ने भारत को गौरवान्वित किया है। इस असाधारण उपलब्धि के लिए आपको मेरी बधाई।' 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाविना की जीत को इतिहास रचने वाला प्रदर्शन क़रार दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'उत्कृष्ट भाविना पटेल ने रचा इतिहास! वह एक ऐतिहासिक रजत पदक घर ला रही हैं। इसके लिए उनको बधाई। उनकी जीवन यात्रा प्रेरित करने वाली है और अधिक युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करेगी।'

पहली बार पैरालिंपिक में भाग ले रहीं भाविना को पदक की दौड़ में काफ़ी पिछे माना जा रहा था क्योंकि उनके सामने एक से बढ़ कर एक दावेदार थे। भाविना पटेल ने सेमीफाइनल में चीन की मियाओ झांग को कड़े मुक़ाबले में 3-2 से हराया था। पटेल ने दुनिया की इस तीसरे नंबर की खिलाड़ी को हराकर फाइनल में प्रवेश किया था।

इससे पहले उन्होंने क्वार्टर फाइनल में 2016 रियो पैरालिंपिक की स्वर्ण पदक विजेता और दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच को हराया था। 

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राहुल गांधी ने भी भाविना के प्रदर्शन पर जमकर तारीफ़ की। उन्होंने लिखा, 'भावना पटेल को रजत पदक जीतने पर बधाई। भारत आपकी उपलब्धि की सराहना करता है। आपने देश को गौरवान्वित किया है।'

जीत के बाद एएनआई से बातचीत में भाविना ने कहा, 'मैं यह रजत पदक अपने देश को समर्पित करती हूँ। मैं अपने कोच, परिवार के सदस्यों और दोस्तों को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।'

उन्होंने कहा, 'आज मैच के दौरान मैं थोड़ा नर्वस थी। मैं अपनी खेल रणनीति को ठीक से लागू नहीं कर सकी। अगली बार मैं अपना सर्वश्रेष्ठ ज़रूर दूंगी। मुझे खुशी है कि भारत ने पैरालिंपिक में टेबल टेनिस में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा है।'

भाविना पटेल ने 13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रापुर इलाके में नेत्रहीन संघ में खेलना शुरू किया था। उनके पिता गुजरात के मेहसाणा जिले में एक छोटी परचून की दुकान चलाते हैं। भाविना की जीत के बाद मेहसाणा में भाविना के परिवार वाले और आसपड़ोस के लोगों ने जमकर खुशियाँ मनाईं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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