India Pakistan Cricket Controversy Latest: एशिया कप 2025 फाइनल के बाद ट्रॉफी विवाद गहरा उठा है। PCB चीफ मोहसिन नक़वी ने BCCI से माफी मांगी, यह जानकारी भारतीय मीडिया ने दी। लेकिन मोहसिन ने इसका खंडन किया।
एशिया क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन मोहसिन नकवी
एशिया कप 2025 के फाइनल के बाद ट्रॉफी और मेडल्स को लेकर उठा विवाद और बढ़ गया। एकाध को छोड़कर अधिकांश भारतीय मीडिया ने बुधवार को खबर दी कि एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) चीफ और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन मोहसिन नक़वी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से माफी मांग ली है। लेकिन द हिन्दू ने मोहसिन के एक्स हैंडल को कोट करते हुए लिखा है कि मोहसिन नकवी ने बीसीसीआई से किसी भी तरह की माफी नहीं मांगी है। मोहसिन ने अपने ट्वीट में कहा कि ऐसी खबरें भ्रामक हैं कि उन्होंने माफी मांगी है।
भारतीय मीडिया ने यह खबर भी दी थी कि एशिया क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) के प्रमुख मोहसिन नकवी ने एशिया कप 2025 की ट्रॉफी यूएई क्रिकेट बोर्ड को सौंप दी है। लेकिन द हिन्दू ने मोहसिन नकवी के ट्वीट के हवाले से खबर दी है, जिसमें मोहसिन ने लिखा है कि एशिया कप ट्रॉफी दुबई में एशिया क्रिकेट कमेटी के दफ्तर में रखी है, वहां से भारत प्राप्त कर सकता है, उसका स्वागत है।
30 सितंबर को एसीसी की वर्चुअल मीटिंग में भारत ने ट्रॉपी विवाद का मामला उठाया था। एशिया कप 2025 जीतने के बाद ट्रॉफी मोहसिन नकवी लेकर चले गए थे। भारतीय टीम ने मैच जीतने के बाद नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। नकवी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (अध्यक्ष) और देश के गृह मंत्री भी हैं। बीसीसीआई का आरोप है कि नकवी भारत के खिलाफ ज़हर उगलते रहते हैं, इसलिए उनसे ट्रॉफी नहीं ली जा सकती।
BCCI के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि ट्रॉफी काउंसिल की संपत्ति है, किसी व्यक्ति की नहीं। उन्होंने नक़वी के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि बिना किसी औपचारिक हैंडओवर के ट्रॉफी और मेडल्स लेकर जाना अनुचित और अस्वीकार्य है।
इससे पहले BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने दो टूक कहा था, “हमने फैसला किया था कि एशिया कप 2025 की ट्रॉफी ACC चेयरमैन से स्वीकार नहीं करेंगे, जो कि पाकिस्तान के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। यह हमारा जानबूझकर लिया गया निर्णय था। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें ट्रॉफी और मेडल्स अपने साथ ले जाने का अधिकार मिल गया।”
सैकिया ने इसे “अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और खेल भावना के खिलाफ” करार देते हुए उम्मीद जताई कि ट्रॉफी और मेडल्स जल्द भारत को लौटा दिए जाएंगे।
विश्लेषकों के अनुसार, यह विवाद केवल एक औपचारिकता भर का मामला नहीं है, बल्कि खेल की साझा परंपरा और प्रोटोकॉल का सवाल है। नक़वी के रवैए ने इसे राजनीतिक रंग दे दिया है। जबकि भारत की प्रतिक्रिया इस मुद्दे को नियम और संस्थागत प्रक्रिया तक सीमित रखने की कोशिश है। बहरहाल, यह मामला अभी भी सुलझा नहीं है। आने वाले समय में विवाद और बढ़ सकता है।