पंजाब किंग्स की टीम भले ही अब आईपीएल में प्ले-ऑफ की दौड़ से बाहर हो गयी हो लेकिन किसी एक खिलाड़ी ने टीम इंडिया के लिए शानदार भविष्य की उम्मीद उस टीम से जगायी है तो वो केएल राहुल नहीं बल्कि युवा लेग स्पिनर रवि बिश्नोई हैं। जी हां, राहुल तो अपने आप को पहले ही साबित कर चुके हैं लेकिन लगातार 2 सीज़न से दुनिया की सबसे बेहतरीन टी20 लीग में शानदार खेल और टेंपरामेंट दिखाकर बिश्नोई ने दिखा दिया है कि अंडर 19 वर्ल्ड कप में उनकी कामयाबी कोई बच्चों का खेल नहीं था।
जब धोनी का इकलौता विकेट 100 विकेट के बराबर हो
आईपीएल 2021 में अपने आखिरी मैच में बिश्नोई ने ना तो पारी में 5 विकेट लिए और ना ही अपनी टीम को मैच जिताया लेकिन जिस अंदाज़ में महेंद्र सिंह धोनी जैसे दिग्गज को उन्होंने अपनी गुगली से परास्त किया उसे निश्चित तौर पर उनके करियर का एक शानदार लम्हा कहा जा सकता है और ये विकेट अपने आप में 100 आईपीएल विकेट के बराबर है। लेकिन, ये महज़ एक तुक्का नहीं था।
कोहली, रोहित या धोनी नहीं सूर्या का विकेट स्पेशल!
इससे पहले बिश्नोई ने मुंबई के ख़िलाफ़ रोहित शर्मा जैसे दिग्गज को चलता किया था। “विराट कोहली, धोनी और रोहित तो लीजेंड हैं और कौन युवा उनके विकेट नहीं लेना चाहता है? इसमें तो नया कहने वाली कोई बात ही नहीं है लेकिन मेरे लिए इस सीज़न में सूर्यकुमार यादव को दोनों बार आउट करना सबसे ज़्यादा संतुष्टि वाला अनुभव रहा क्योंकि वो स्पिन के ख़िलाफ़ शानदार खिलाड़ी हैं।,” बिश्नोई ने ये बात मुझे कुछ दिन पहले दुबई से फोन पर एक ख़ास बात-चीत के दौरान बतायी थी।
पंजाब के लिए भले ही मोहम्मद शमी और अर्शदीप सिंह जैसे तेज़ गेंदबाज़ों ने ज़्यादा विकेट लिये हों लेकिन अक्षर पटेल ने 14 विकेट 6.05 की इकॉनोमी रेट से लिए हैं तो बिश्नोई ने 12 विकेट 6.34 की इकॉनोमी से लिए, जो दुनिया के सबसे लाजवाब स्पिनर राशिद ख़ान से भी बेहतर रहे हैं।
“देखिये, हर गेंद पर विकेट लेना मुमकिन तो नहीं है लेकिन हर गेंद पर रन बनने से बल्लेबाज़ों को आज़ादी नहीं देना शायद थोड़ा आसान है। इसलिए मेरी कोशिश यही रहती है कि मैं इस फॉर्मेट में उन्हें रन बनाने का मौका ना दूं और ये दबाव दूसरे छोर पर साथी गेंदबाज़ों को भी विकेट लेने में मदद दिलाता है।” 21 साल के बिश्नोई जब ये बात कहते हैं तो ऐसा आभास नहीं होता है कि उन्होंने अब तक कोई फर्स्ट क्लास मैच भी नहीं खेला है।
अंडर-19 वर्ल्ड कप में में 20 से कम विकेट
साउथ अफ्रीका में 2018 अंडर 19 World Cup में बिश्नोई ने तहलका मचाया क्योंकि उनसे ज़्यादा विकेट किसी ने नहीं लिए थे और इसलिए टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने पंजाब में 2 करोड़ रुपये खर्च करके उन्हें आईपीएल में एंट्री करवायी। 2020 में अपने पहले सीज़न में भी बिश्नोई ने दर्जन विकेट लिए थे।
मौजूदा समय में दुनिया का हर लेग स्पिनर अफ़ग़ानिस्तान के राशिद ख़ान को कॉपी करना चाहता है लेकिन राजस्थान के इस होनहार खिलाड़ी को आधुनिक समय के तीन अलग-अलग लेग स्पिनर ने बहुत प्रभावित किया है।
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बद्री-मिश्रा-ताहिर की तिकड़ी से मिलती है प्रेरणा
“वेस्ट इंडीज़ के सैमुअल बद्री से मैंने ये सीखा है कि कैसे आप नई गेंद से बेहद प्रभावशाली साबित हो सकते हैं अगर आप सही जगह पर गेंद को टप्पा देने में कामयाब होते हैं। इमरान ताहिर का उत्साह आपको ये दिलासा देता है कि उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता बल्कि आपको हमेशा कामयाबी के लिए भूखे रहना पड़ता है। और हमारे देश के अमित मिश्रा भाई तो सदाबहार हैं ही जो इस फॉर्मेट में भी फ्लाइट देकर विकेट लेने में यकीन रखते हैं।
लेकिन, अनिल भाई जैसा तो कोई नहीं हो सकता
लेकिन, बिश्नोई के लिए सबसे बड़े हीरो उनके कोच कुंबले हैं। बिश्नोई का तब जन्म भी नहीं हुआ था जब कुंबले ने भारत के लिए क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। “अनिल भाई तो कमाल के इंसान हैं। वो हैं भले ही बहुत सीनियर लेकिन हम लोगों के साथ उनका रवैया बेहद दोस्ताना और कई मौके पर तो वो हमारे साथ मज़ाक वाले सेशन में शामिल भी हो जाते हैं। लेकिन, जो एक बात वो हमेशा कहते हैं कि खुद पर भरोसा रखो और एक प्रोसेस पर यकीन रखो, कामयाबी ज़रूर मिलेगी।”
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चहल और चाहर को भविष्य में मिलेगी टक्कर
मौजूदा समय में टीम इंडिया में लेग स्पिन स्लॉट को लेकर ज़बरदस्त मुकाबला चल रहा है। अमित मिश्रा तो बाहर हैं ही और अब टी20 वर्ल्ड कप के लिए युज़वेंद्र चहल तक को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि मुंबई इंडियंस के राहुल चाहर ने हाल के महीनों में शानदार खेल दिखाया है। चाहर ने भले ही बिश्नोई से इस आईपीएल में ज़्यादा विकेट लिये हों लेकिन अपनी इकॉनोमी रेट से बिश्नोई ने उन्हें पछाड़ रखा है जो इस फ़ॉर्मेट में विकेट लेने के बराबर वाली कामयाबी ही मानी जाती है।
“देखिये, फिलहाल मेरा पूरा ध्यान राजस्थान के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने पर टिका है क्योंकि पिछले दो सालों से कोरोना-काल में हमलोग एक भी घरेलू मैच नहीं खेल पाये हैं। लेकिन, इसमें कोई दो राय नहीं है कि आईपीएल जैसे टूर्नामेंट ने मुझे एक अलग पहचान दी है। जब मैं ड्रेसिंग रूम में केएल राहुल या मोहम्मद शमी को देखता हूं तो ये पाता हूं कि भारत के लिए खेलना आसान तो नहीं है लेकिन अगर आप स्टार भी बन जाये तो नम्र बने रह सकते हैं। और तो और क्रिस गेल जैसा यूनिवर्स बॉस आपको हंसा हंसा करके नैट्स में परेशान कर देगा,’’
इतना कहते ही बिश्नोई अपने अभ्यास सत्र के लिए जाने की गुज़ारिश करते हैं। पंजाब के लिए सीज़न भले ही उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा हो लेकिन बिश्नोई हर किसी की उम्मीदों पर अब तक खरे ही उतरे हैं।
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