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फाइल फोटो

मणिपुर: 200 बंदूकधारियों ने पुलिस अधिकारी को किया अगवा, सेना बुलानी पड़ी

मणिपुर में बड़ा बवाल हो गया है। पिछले कई महीनों से हिंसा के बाद तनाव झेल रहे राज्य में क़रीब 200 बंदूकधारियों ने पुलिस अफसर के घर पर धावा बोल दिया गया। पुलिस ने कहा है कि मंगलवार को मणिपुर में तनाव और बढ़ गया जब इम्फाल पूर्वी जिले में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का कथित तौर पर मैतेई संगठन अरमबाई तेंगगोल के कार्यकर्ताओं द्वारा अपहरण कर लिया गया। तनाव को देखते हुए सेना बुलाई गई है।

मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि इम्फाल पूर्व के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित सिंह को बाद में पुलिस और सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई के बाद बचा लिया गया। मणिपुर पुलिस के ऑपरेशन विंग में तैनात अधिकारी अमित सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। रिपोर्टों के अनुसार मंगलवार शाम के हमले में कथित तौर पर अरामबाई तेंगगोल से जुड़े सशस्त्र कैडरों ने घर में तोड़फोड़ की और गोलियों से कम से कम चार वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

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रिपोर्ट है कि एक आपराधिक मामले में कार्रवाई से समुदाय के लोगों में ग़ुस्सा था। पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि इस अंधाधुंध गोलीबारी का कारण यह था कि संबंधित अधिकारी ने वाहन चोरी में कथित संलिप्तता के लिए समूह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद मीरा पैबिस (मैतेई महिला समूह) के एक समूह ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया।

मणिपुर पुलिस ने कहा है, '27 फरवरी 2024 को वाहनों में आए लगभग 200 की संख्या में सशस्त्र बदमाशों ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, मोइरांगथेम अमित सिंह के आवास पर धावा बोल दिया। हथियारबंद बदमाशों ने आवास पर घरेलू संपत्ति में तोड़फोड़ की। सूचना मिलने पर अतिरिक्त सुरक्षा बल मौक़े पर पहुँचे।'

पुलिस ने कहा है कि जवाबी पुलिस कार्रवाई में दो व्यक्ति रबिनाश मोइरांगथेम और कंगुजम भीमसेन को चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने कहा, 'घटना के बीच हथियारबंद बदमाशों ने एडिशनल एसपी और उनके एक साथी का अपहरण कर लिया। बाद में उन्हें क्वाकीथेल कोन्जेंग लीकाई क्षेत्र से बचाया गया और चिकित्सा उपचार के लिए राज मेडिसिटी में भर्ती कराया गया।'
पीटीआई ने अज्ञात अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि मणिपुर में ताजा तनाव बढ़ने के बाद सेना को बुलाया गया था और असम राइफल्स की चार टुकड़ियों को इंफाल पूर्व में तैनात किया गया था।
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घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए पुलिस अधिकारी के पिता एम कुल्ला ने पीटीआई से कहा, 'हमने हथियारबंद लोगों के घुसने के बाद उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन अचानक उन्होंने वाहनों और संपत्तियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसलिए हमें अंदर भागना पड़ा और खुद को बंद करना पड़ा।' अधिकारी अपनी टीम के साथ भागे लेकिन उनका अपहरण कर लिया गया क्योंकि उनकी संख्या कथित तौर पर अरामबाई तेंगगोल से जुड़े कैडरों से कम थी।

रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और एक सफल बचाव अभियान शुरू करने के लिए सुरक्षा बलों को जुटाया, जिससे कुछ ही घंटों में अमित कुमार की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो गई। बचाव प्रयासों के बाद बिगड़े हालात मणिपुर सरकार को सेना की मदद लेनी पड़ी।

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क़मर वहीद नक़वी
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