मणिपुर हिंसा आख़िर क्यों नहीं रुक रही है? इस सवाल का जवाब इससे भी मिल सकता है कि तीन मई को हिंसा शुरू होने के कुछ दिन बाद से ही उच्चस्तरीय बैठकें शुरू हो गई थीं। देश के गृहमंत्री शांति स्थापित करने में लगे थे और कहा जा रहा था हर संभव कोशिश की जा रही है। लेकिन क्या ऐसा था? यदि ऐसा था तो फिर 4 मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया व सामूहिक दुष्कर्म किया गया। 18 मई को एफ़आईआर हुई। फिर भी 62 दिन तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? अब कार्रवाई तब हो रही है जब उस घटना का वीडियो वायरल हुआ है और इसने पूरे देश को झकझोर दिया है। क्या ऐसे शांति बहाली हो सकती है?