loader

क्या हिमंत सरमा का संबंध कुकी से था? जानें असम सीएम ने क्या सफाई दी

मणिपुर हिंसा को कैसे शांत किया जाए, अभी यह उपाय ढूंढने की बीजेपी की परेशानी दूर भी नहीं हुई है कि वह एक और परेशानी में फँसती हुई दिखाई दे रही है। बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर कुकी उग्रवादी समूह से संबंध रखने के आरोप लगे। इन आरोपों के बाद अब हिमंत बिस्व सरमा ने मणिपुर स्थित कुकी उग्रवादी संगठन से कोई संबंध होने से इनकार किया है। कांग्रेस ने 2017 के मणिपुर चुनाव के लिए कुकी उग्रवादी समूह की कथित रूप से मदद लेने के लिए कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए के तहत सरमा की गिरफ्तारी की मांग की थी।

मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के बीच यह विवाद सामने आया है। मणिपुर में 3 मई से मेइती लोगों और कूकी-ज़ोमी लोगों के बीच लगातार जातीय हिंसा देखी जा रही है। 27 मार्च के एसटी दर्जा देने की वकालत करने वाले विवादास्पद आदेश के खिलाफ आदिवासी विरोध के तुरंत बाद हिंसा शुरू हो गई थी। अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, सैकड़ों अन्य घायल हो गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं।

ताज़ा ख़बरें

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि पार्टी द्वारा उनके खिलाफ किए गए दावे झूठे थे। सरमा की यह टिप्पणी असम प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष मीरा बोरठाकुर गोस्वामी के उस आरोप के बाद आई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कुकी उग्रवादी समूह के एक नेता ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखा था कि उनके संगठन ने 2017 के मणिपुर विधानसभा चुनावों में भाजपा की 'मदद' की थी।

असम कांग्रेस के प्रमुख भूपेन बोरा ने पिछले हफ्ते सरमा को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार करने की मांग की थी। सरमा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, 'मणिपुर के कुछ अंडरग्राउंड नेताओं की समझ के आधार पर हाल के सोशल मीडिया पोस्ट में कुछ निराधार आरोप लगाए गए हैं। ऐसे किसी भी तत्व के साथ कोई जुड़ाव नहीं है।'

मीरा बोरठाकुर गोस्वामी ने इस संबंध में राज्य के पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन सौंपा। पीटीआई की एक रिपोर्ट में पहले कहा गया था कि उन्होंने पुलिस से आरोपों की 'गहरी जाँच' की मांग की थी।
राज्य से और ख़बरें

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट यानी यूकेएलएफ के अध्यक्ष एसएस हाओकिप ने 2019 में अमित शाह को ख़त लिखा था। पत्र में दावा किया गया था कि हिमंत बिस्व सरमा और राम माधव ने 2017 मणिपुर चुनाव जीतने के लिए कुछ कुकी समूहों से सहायता ली थी। सरमा और माधव उस समय पूर्वोत्तर राज्यों की निगरानी करते थे।

हाओकिप ने अमित शाह को पत्र लिखा था, जिसमें उनके खिलाफ हथियार खरीद मामले में बख्शे जाने की मांग की गई थी। विद्रोही नेता ने पहले बीजेपी के लिए किए गए 'एहसानों' का हवाला दिया।

ख़ास ख़बरें

सरमा ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 2008 में कुकी, ज़ोमी और हमार समुदायों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जब कांग्रेस सत्ता में थी। हिमंत ने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट में ज़िक्र की गई अपील एक समूह के स्वयंभू अध्यक्ष द्वारा लिखी गई है, जो 2018 में एक हथियार चोरी मामले में शामिल होने की जांच के दायरे में था। उन्होंने कहा कि उक्त अपील एक व्यक्ति द्वारा खुद को बचाने के लिए एक हताशाभरा प्रयास था। 

असम कांग्रेस प्रमुख भूपेन बोरा ने 2017 के मणिपुर चुनाव के लिए कुकी उग्रवादी समूह के नेताओं की कथित रूप से मदद लेने के लिए हिमंत बिस्वा सरमा की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तारी की मांग की थी। कांग्रेस के अलावा सीपीआई, सीपीआई (एम), आप और टीएमसी सहित 12 विपक्षी दलों ने भी ऐसी ही मांग की थी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राज्य से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें