मणिपुर में भी विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया को लेकर चुनाव अधिकारियों ने बैठकें शुरू कर दी हैं। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन है और लंबे समय से चल रही हिंसा की वजह से राज्य के तमाम इलाके अशांत हैं। एसआईआर प्रक्रिया में जहां बिहार में विवाद गहराता जा रहा है, वहीं मणिपुर को लेकर नई बात सामने आई है, जिससे पता चलता है कि बीजेपी का अनिवार्य दस्तावेजों को लेकर मणिपुर में स्टैंड बिल्कुल अलग है। 


बीजेपी ने मणिपुर में आधार कार्ड को स्वीकार्य दस्तावेजों में शामिल करने की मांग की है। जबकि बिहार में चुनाव आयोग ने आधार, वोटर कार्ड और राशन कार्ड को SIR के लिए स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची में शामिल करने से मना कर दिया है। बिहार में बीजेपी चुनाव आयोग के इस कदम का समर्थन कर रही है। बिहार में बीजेपी ने आजतक इस मांग का विरोध नहीं किया कि आधार नहीं लागू होना चाहिए। वैसे सुप्रीम कोर्ट ने दो बार बिहार में SIR के लिए आधार और वोटर कार्ड को शामिल करने की सलाह दी लेकिन चुनाव आयोग ने उस सुझाव को मानने से मना कर दिया।