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प्रतीकात्मक तस्वीर।

मणिपुर में ताजा हिंसा, गोलीबारी में कमांडो की हत्या

मणिपुर में फिर से हिंसा हुई है। बुधवार तड़के हिंसा प्रभावित सीमावर्ती शहर मोरेह में एक भारतीय रिजर्व बटालियन यानी आईआरबी के जवान की हत्या कर दी गई। मोरेह में सुरक्षा बलों और कुकी उग्रवादियों के बीच गोलीबारी हुई थी। इसी में पुलिस कमांडो हताहत हुए। पिछले ढाई महीने में मेइती पुलिस अधिकारी की यह दूसरी हत्या है।

रिपोर्ट के अनुसार शहर में तैनात मणिपुर पुलिस कमांडो से जुड़े एक आईआरबी जवान डब्ल्यू सोमरजीत की सुबह लगभग 3.25 बजे हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, सोमरजीत उस समय कोंडोंग लैरेम्बी देवी मंदिर के पास एक आईआरबी पोस्ट पर तैनात थे और हमलावरों ने उन पर ग्रेनेड से हमला किया। इसके बाद गोलीबारी हुई। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। मुठभेड़ में घायल हुए एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई।

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यह हिंसा मोरेह में एक पुलिस अधिकारी की हत्या के संदिग्ध दो लोगों की गिरफ्तारी के दो दिन बाद हुई है। मणिपुर सरकार ने टेंग्नौपाल के राजस्व अधिकार क्षेत्र के भीतर शांति भंग होने, सार्वजनिक शांति में अशांति और मानव जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरे की आशंका के कारण जिले में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया है। आवश्यक सेवाओं को कर्फ्यू से छूट दी गई है।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक़ स्थानीय पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में एसडीपीओ सीएच आनंद की हत्या के आरोप में सोमवार को फिलिप खोंगसाई और हेमोखोलाल मटे को गिरफ्तार किया था। दोनों ने सुरक्षाकर्मियों के वाहनों पर गोलीबारी की थी जिसके बाद पुलिस ने उनका पीछा किया और उन्हें पकड़ लिया। उन्हें नौ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने कहा कि उनके कब्जे से दो जिंदा राउंड के साथ एक पिस्तौल, एक चीनी हथगोला, एके गोला बारूद के दस जिंदा राउंड और दस डेटोनेटर जब्त किए गए। उनकी "बिना शर्त रिहाई" की मांग को लेकर बड़ी संख्या में महिलाएं मोरेह पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पहुंची थीं।

इस गिरफ्तारी से शहर के बहुसंख्यक कुकी समुदाय में अशांति फैल गई थी, जिसके बाद पूरे टेंग्नौपाल जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया था। 
दो कूकी-ज़ोमी संगठनों आईटीएलएफ और सीओटीयू ने भी एक संयुक्त बयान जारी कर दावा किया था कि दोनों व्यक्तियों को पुलिस अधिकारी की हत्या से गलत तरीके से जोड़ा गया था और रिहाई के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था।
बहरहाल, बुधवार को कमांडो की हत्या के बाद मणिपुर गृह विभाग के आयुक्त ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से चिकित्सा आपात स्थिति के लिए हेलीकॉप्टर और सैनिकों और हथियारों को हवाई मार्ग से पहुंचाने का अनुरोध किया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के गृह विभाग के आयुक्त टी रणजीत सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि घटना को देखते हुए आपातकालीन ज़रूरतों के लिए तुरंत हेलीकॉप्टरों को न्यूनतम सात दिनों के लिए इंफाल में रखा जाए।
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उन्होंने लिखा है, 'सीमावर्ती शहर मोरेह में कानून और व्यवस्था की स्थिति गंभीर चिंता का विषय बन गई है क्योंकि वहां लगातार गोलीबारी हो रही है और इसके परिणामस्वरूप आज सुबह एक आईआरबी कर्मी की मौत हो गई है। मौजूदा हालात को देखते हुए मोरेह में हालात और बिगड़ सकते हैं, किसी भी वक्त मेडिकल इमरजेंसी पैदा हो सकती है।' पुलिस विभाग ने यह भी सूचित किया है कि मोरेह में सुरक्षा कर्मियों, गोला-बारूद आदि को हवाई मार्ग से ले जाने की भी आवश्यकता है।

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क़मर वहीद नक़वी
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