जिस तिकड़म के सहारे मणिपुर में बिना बहुमत के ही बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार का गठन किया गया था, उसी तिकड़म से वहां की सरकार को बचा लिया गया है। बावजूद इसके वहां पर राजनीतिक अस्थिरता और असंतोष बना रहेगा। मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह यदि अपने पद पर बने भी रहे तो उपमुख्यमंत्री के. जयकुमार के साथ चल रही उनकी खटास को समाप्त करना आसान नहीं होगा क्योंकि राज्य में हुए ताज़ा राजनीतिक घटनाक्रम की वजह एन. बिरेन सिंह के काम करने का तरीका है और इससे घटक दलों के साथ ही बीजेपी के विधायक भी खुश नहीं हैं।