मुंबई में ऐसे तीन मामले हुए हैं जिनमें धोखेबाजों ने गूगल मैप्स पर बैंक अॉफ़ इंडिया के नंबर एडिट करके कस्टमर्स से जानकारी ली और फिर खातों से रुपये निकाल लिए।
गूगल सर्च करते वक़्त सावधान रहें। आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है। ख़ासकर किसी बैंक के बारे में सर्च करते वक़्त ज़्यादा सतर्क रहें। ऐसा इसलिए क्योंकि मुंबई में ऐसे तीन मामले सामने आए हैं जहां धोखेबाजों ने एक बैंक के फ़ोन नंबर को एडिट करके वहाँ अपने नंबर डाल दिए।
जब भी आप गूगल पर किसी संस्थान के बारे में सर्च करते हैं तो गूगल मैप्स आपको वह संस्थान कहाँ है, उसकी बिल्डिंग, उसका फ़ोन नंबर और अन्य जानकारियाँ दिखाता है। गूगल की पॉलिसी के अनुसार फ़ोन नंबर को एडिट किया जा सकता है। इस बारे में गूगल का कहना है कि ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कहीं कोई पुरानी जानकारी पड़ी हो तो उसे आसानी से अपडेट किया जा सके।
मुंबई की घटना में हुआ यह कि कुछ कस्टमरों ने बैंक अॉफ़ इंडिया को सर्च किया। लेकिन धोखेबाजों ने बैंक के नंबर की जगह एडिट कर अपने फ़ोन नंबर डाल दिए थे इसलिए लोगों ने उन नंबरों पर फ़ोन किया। धोखाधड़ी करने वाले लोग इतने शातिर थे कि कस्टमरों को लगा कि वे बैंक के ही किसी अधिकारी से बात कर रहे हैं।
धोखेबाजों ने बातचीत के दौरान ही कस्टमरों से उनके पिन, सीवीवी नंबर की जानकारी लेकर उनके खातों से रुपये निकाल लिए। ठगे गए लोगों ने पुलिस में इसकी शिकायत की है। इस बारे में बैंक अॉफ़ इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि इन मामलों के सामने आने के बाद हमने गूगल पर दी गई अपनी जानकारियों को अपडेट किया है। हम कस्टमर्स से अपील करते हैं कि वे बैंक की अॉफ़िशल वेबसाइट पर जाएँ और वहीं से कोई जानकारी लें।
मुंबई की घटनाओं से आपको भी सबक़ लेना चाहिए। अब से आप जब भी गूगल या गूगल मैप पर किसी संस्थान आदि को सर्च करें तो पता और डायरेक्शन आदि की जानकारी भले वहाँ से ले लें मगर वहाँ दिए गए फ़ोन नंबर पर भरोसा न करें। बैंक या किसी भी वित्तीय संस्थान से संपर्क करने के लिए उसकी वेबसाइट पर दिए गए नंबरों और ईमेल अड्रेस पर ही कॉल या ईमेल करें।