राहुल की सीट पर इंतज़ार, आज़म के बेटे की सीट पर उपचुनाव की जल्दी क्यों?
चुनाव आयोग का हर सीट पर अलग-अलग रवैया क्यों रहा है? ऐसा क्यों है कि लक्षद्वीप, रामपुर और स्वार में चुनाव आयोग को चुनाव कराने की जल्दी है, जबकि खतौली और वायनाड सीट पर उसे उपचुनाव की जल्दी नहीं होती है?