चुनाव आयोग ने बुधवार को कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के साथ ही एक लोकसभा सीट और 4 राज्यों की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का भी ऐलान किया है। ख़ास बात यह है कि हाल ही में राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने से खाली हुई केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान नहीं किया गया है। इस पर उपचुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग राहुल गांधी की सजा पर हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहता है। वहीं दूसरी तरफ़ उसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बिना ही उत्तर प्रदेश की स्वार विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है।
राहुल की सीट पर इंतज़ार, आज़म के बेटे की सीट पर उपचुनाव की जल्दी क्यों?
- विश्लेषण
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- 31 Mar, 2023

चुनाव आयोग का हर सीट पर अलग-अलग रवैया क्यों रहा है? ऐसा क्यों है कि लक्षद्वीप, रामपुर और स्वार में चुनाव आयोग को चुनाव कराने की जल्दी है, जबकि खतौली और वायनाड सीट पर उसे उपचुनाव की जल्दी नहीं होती है?
गौरतलब है कि जब चुनाव और उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के लिए चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी उसी वक्त सुप्रीम कोर्ट में स्वार सीट से विधायक रहे अब्दुल्ला आजम की याचिका पर सुनवाई चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्लाह की सजा पर राज्य सरकार का पक्ष जाने बगैर रोक लगाने से तो इंकार कर दिया लेकिन अब्दुल्ला की विधायकी रद्द करने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 5 अप्रैल को होनी है। ऐसे में उपचुनाव कराने का फ़ैसला कहाँ तक उचित है? जब चुनाव आयोग राहुल गांधी के लिए छह महीने इंतजार कर सकता है तो अब्दुल्ला आजम के लिए वो पांच महीने इंतजार क्यों नहीं कर सकता?