देश के सामने भयानक सूखे की आशंका है, बुवाई एक चौथाई कम हुई है, सूखे की स्थिति है, पीने के पानी की किल्लत है। पर सरकार को मानो इससे कोई मतलब नहीं है।
पहले से ही आर्थिक मोर्चे पर परेशान सरकार के लिए कमज़ोर मानसून चिंताएँ बढ़ाने वाला है। मानसून की बारिश अब तक सामान्य से 43 फ़ीसदी कम हुई है। इसका असर खेती-किसानी और जीडीपी पर भी पड़ेगा।