बढ़ती महंगाई के बीच अब खाने के तेल पर महंगाई की मार पड़ने वाली है। पहले से ही आसमान छू रही क़ीमतों के बीच अब पाम ऑयल पर इंडोनेशिया ने ऐसा क्या फ़ैसला ले लिया कि भारत सहित दुनिया भर में चिंताएँ बढ़ गईं?
क्या पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ने का असर ही है कि दूसरी जीचों के दाम भी बढ़ते जा रहे हैं? क्या सरकार महंगाई को काबू करेगी?
मई में ही अप्रैल महीने के लिए थोक महंगाई का जो आँकड़ा आया उसमें महंगाई बढ़ने की दर ग्यारह साल की नई ऊंचाई पर दिख रही है। पिछले साल के मुक़ाबले साढ़े दस परसेंट ऊपर।
मूंगफली, सरसों, वनस्पति, सोया, सूरजमुखी और पाम के पैक किए हुए खाने वाले तेल के दाम इस महीने पिछले एक दशक में रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है।
खाने के तेलों के दाम इतने बढ़ गए हैं कि लोगों की पहुँच से बाहर होते जा रहे हैं। हालत यह है कि सरसों का तेल जो ग़रीबों का खाद्य तेल माना जाता है खुदरा बाज़ार में डेढ़ सौ रुपए लीटर से भी ज़्यादा का हो गया है।