जो मुसीबत खोरी गांव के लोगों के सामने आई है, उससे वे कैसे बाहर निकलेंगे क्योंकि घर-बार सब ख़त्म हो चुका है। लगभग पूरी जमा-पूंजी स्वाहा हो चुकी है।