लॉकडाउन में ज़िंदगियाँ कराह रही हैं लेकिन अपराध, आत्महत्याएँ, सड़क हादसे कम हुए
लॉकडाउन से तकलीफ़ें तो बढ़ी हैं, लेकिन कुछ फ़ायदा भी हुआ है। अपराध कम हो गए हैं, सड़क हादसों और इसमें घायल व मरने वालों की संख्या में कमी आई है, आत्महत्याएँ कम हुई हैं और थानों में रिपोर्ट दर्ज होने के मामलों में भी कमी आई है।