कोरोना वायरस महामारी के बाद लागू किए गए लॉकडाउन के बाद करोड़ों लोगों की नौकरियाँ गईं, दूसरे राज्यों में फँसे करोड़ों मज़दूर संकट में हैं, ग़रीबों के सामने भूखे रहने की स्थिति आ गई है और घरों में बंद दूसरे लोगों की ज़िंदगियाँ भी कराह रही हैं, लेकिन इसी लॉकडाउन के कारण दूसरे अनपेक्षित फ़ायदे भी हुए हैं। अपराध कम हो गए हैं, सड़क हादसों और इसमें घायल व मरने वालों की संख्या में कमी आई है, आत्महत्याएँ कम हुई हैं और थानों में रिपोर्ट दर्ज होने के मामलों में भी कमी आई है। हालाँकि, यह आधिकारिक तौर पर सरकार की तरफ़ से आँकड़ा जारी नहीं किया गया है, लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
लॉकडाउन में ज़िंदगियाँ कराह रही हैं लेकिन अपराध, आत्महत्याएँ, सड़क हादसे कम हुए
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- 1 May, 2020
लॉकडाउन से तकलीफ़ें तो बढ़ी हैं, लेकिन कुछ फ़ायदा भी हुआ है। अपराध कम हो गए हैं, सड़क हादसों और इसमें घायल व मरने वालों की संख्या में कमी आई है, आत्महत्याएँ कम हुई हैं और थानों में रिपोर्ट दर्ज होने के मामलों में भी कमी आई है।

हो सकता है कि लॉकडाउन के दौरान अपराध, सड़क हादसों, आत्महत्याएँ और हिंसा के मामलों के आँकड़े सरकार की तरफ़ से बाद में जारी हो, लेकिन फ़िलहाल 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें देश भर के आँकड़े तो नहीं हैं, लेकिन कई राज्यों के आँकड़ों, पुलिस थानों में दर्ज रिपोर्ट, हॉस्पिटलों में आने वाले घायलों और पुलिस अधिकारियों के आकलन का ज़िक्र है।