यद्यपि 43 साल पहले ही इब्राहिम अल्काज़ी ने रंगकर्म को बाय-बाय कह दिया था लेकिन तब भी भारतीय (विशेषकर हिंदी) रंगमंच में उनकी धमक बरक़रार रही और रहेगी भी।
तुग़लक के लिए मशहूर इब्राहिम अल्काजी की मौत से भारतीय ड्रामा में एक युग का अंत हो गया।