भारत गणतंत्र दिवस मना रहा है लेकिन क्या डॉ. आंबेडकर के सपने का गणतंत्र हम बना पाए? क्या सामाजिक और आर्थिक असमानता मिल पाई? कहीं संविधान के आदर्श ही तो ख़तरे में नहीं?
देश रविवार को अपना गणतंत्र दिवस मना रहा है। जानिए, राजधानी में हो रहे मुख्य समारोह में क्या खास।
क्या भारतीय गणतंत्र को त्रेता के तीरों से बींधे जाने की कोशिश है और क्या इसकी इजाज़त देना देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए ख़तरे की घंटी नहीं है?
नयी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों हैं। जानिए, देश किस तरह मना रहा है गणतंत्र दिवस और कैसी तैयारी है।
75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित किया है। अपने 23 मिनट के संबोधन में उन्होंने जहां एक राम मंदिर का जिक्र किया है वहीं कर्पूरी ठाकुर को भी श्रद्धांजलि दी है।
आज गणतंत्र दिवस परेड पहली बार कर्तव्य पथ पर आयोजित की जा रही है। इसमें 6 अग्निवीर भी शामिल हैं। इस परेड के कई आकर्षण हैं। जानिएः
देश आज 72वाँ गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस बीच किसानों की ट्रैक्टर परेड यानी ट्रैक्टर रैली शुरू हो गयी। इस रैली को गणतंत्र दिवस समारोह ख़त्म होने के बाद शुरू होना था।
देश 2025 में 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है तो सवाल उठता है कि क्या एक गणतंत्र के रूप में सफल हो पाए? इसे राजंतत्र से अलग कैसे समझें?
तिरंगा फहराएँ या न फहराएँ, पर इसका सम्मान करना ज़रूरी है। अनजाने में ही कहीं आप इसका अपमान तो नहीं कर रहे?