ठेकेदार आत्महत्या केस में इस्तीफा देने वाले कर्नाटक के पूर्व मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा को पुलिस ने आख़िर किस आधार पर क्लीनचिट दी है? जानिए क्या है मामला।
ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या के बाद बुरी तरह विवादों में फंसे ईश्वरप्पा को आखिरकार इस्तीफा देना पड़ा लेकिन कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन अभी भी राज्य सरकार के लिए मुश्किल का सबब बनी हुई है।
कॉन्ट्रैक्टर संतोष पाटिल की आत्महत्या के मामले में क्या मंत्री केएस ईश्वरप्पा इस्तीफा देने के लिए मजबूर होंगे? इस पर बोम्मई सरकार क्या कहती है?
कर्नाटक में भ्रष्टाचार के आरोपों और दूसरी गड़बड़ियों पर सरकार के गिरने का इतिहास रहा है। जिस तरह के आरोप बसवराज बोम्मई सरकार पर लग रहा है, उससे वह कैसे निपटेगी?
ईश्वरप्पा पांच बार विधायक रहे हैं और उपमुख्यमंत्री और प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष के पद तक का भी सफर उन्होंने तय किया है।
एसोसिएशन ने कहा है कि वह इस सरकार के 5 से 6 मंत्री और 20 विधायकों के भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेजों को अगले 15 दिन में जारी करेगा। एसोसिएशन ने काम रोकने की भी धमकी दी है।
कर्नाटक में रिश्वतखोरी का मामला बड़ा होता जा रहा है। वहां की कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन का आरोप है कि राज्य के कई मंत्री और विधायक तक उन लोगों से कट मनी लेते हैं। इस संबंध में एसोसिएशन ने बहुत पहले प्रधानमंत्री मोदी को भी पत्र लिखा था।
कर्नाटक के विवादास्पद मंत्री ईश्रप्पा की कुर्सी जा सकती है। एक सरकारी ठेकेदार ने मरने से पहले उनको अपनी मौत को जिम्मेदार बताया है। बीजेपी में राष्ट्रीय स्तर पर विचार चल रहा है।
ठेकेदार का शव मंगलवार को मिला था। उसने एक सुसाइड नोट में ईश्वरप्पा को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था और