सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मसजिद-राम जन्मभूमि मंदिर विवाद पर जो फ़ैसला दिया, वह उससे अलग कोई दूसरा फ़ैसला नहीं दे सकता था। आख़िर क्या मजबूरियाँ थीं कोर्ट की?