पिछले साल अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला वैसा ही आया जैसा हिंदू पक्ष चाहता था और मुस्लिम पक्ष नहीं चाहता था। 

लेकिन यह कहना ग़लत होगा यह निर्णय केंद्र सरकार या किसी पार्टी या संगठन के दबाव में आया है क्योंकि बेंच में जो जज थे, उनके बारे में ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता था। ख़ासकर इसलिए भी उन्होंने जजमेंट में जो बातें कही हैं, उनमें से अधिकतर हिंदू पक्ष की दलीलों के ख़िलाफ़ थीं।