नागरिकता संशोधन विधेयक से मुसलिम बाहर क्यों?
नागरिकता संशोधन विधेयक धर्म के आधार पर नागरिकता की वकालत क्यों? हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को तो नागरिकता देने की बात की गई है, लेकिन मुसलिमों को इसमें शामिल नहीं किया गया है? आख़िर मोदी-शाह यह विधेयक क्यों लेकर आए? सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।