गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान मारे गए युवक नवरीत सिंह के परिजनों ने पुलिस के इस दावे को एक बार फिर सिरे से खारिज कर दिया है कि उसकी मौत ट्रैक्टर पलटने से हुई थी।
दुष्कर्म करने वाली अधिकांश भारतीय मीडिया का हालिया रिकॉर्ड देखकर उनको जनता का दुश्मन क़रार देना कुछ ग़लत न होगा। किसान आंदोलन में कैसी रही इसकी भूमिका?
इंडिया टुडे ने अपने कंसलटिंग एडिटर और वरिष्ठ एंकर राजदीप सरदेसाई को दो हफ़्तों के लिए ऑफ एअर कर दिया है, यानी उन्हें इस समय के लिए एंकरिंग से हटा दिया है।
सरकार शुरू से कृषि क़ानून वापस नहीं लेने और किसान आंदोलन को कमज़ोर करने के लिए फूट डालने की रणनीति पर चल रही थी। ट्रैक्टर परेड के बाद उसे बहाना मिल गया है।
ट्रैक्टर रैली हिंसा में दिल्ली पुलिस अब तक 25 एफ़आईआर दर्ज कर चुकी है। इनमें 37 किसान नेताओं के नाम हैं। इनमें 30 से ज़्यादा वे हैं जो 40 किसान नेता कृषि क़ानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर केंद्र सरकार से बातचीत कर रहे थे।
किसान आंदोलन में हिंसा के लिए कांग्रेस ने सीधे गृह मंत्री अमित शाह बर्खास्त करने की मांग की है। इसने कहा कि आंदोलन को बदनाम करने की साज़िश रची गई।
ट्रैक्टर रैली हिंसा के बाद अब पुलिस की सक्रियता तेज दिखने लगी है। पुलिस ने किसान नेताओं पर एफ़आईआर दर्ज की है। इनमें योगेंद्र यादव और कम से कम 9 किसान नेताओं के नाम हैं। इन 10 लोगों में बीकेयू नेता राकेश टिकैत का भी नाम है।
गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद अब एक फ़रवरी को बजट के दिन प्रस्तावित 'संसद मार्च' रद्द किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार किसान संगठनों ने इसके संकेत दिए हैं।
ट्रैक्टर रैली के दौरान मंगलवार को जो हिंसा हुई उसके लिए क्या कोई योजना बनी थी और यदि बनाई थी तो किसने? क्या इसमें केंद्र सरकार की एजेंसियों का हाथ था और क्या पंजाबी फ़िल्मों के अभिनेता दीप सिद्धू ने इसमें अहम भूमिका निभाई?
ट्रैक्टर रैली हिंसा में मंगलवार को कम से कम 300 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हिंसा के मामले में अब तक 22 एफ़आईआर दर्ज की जा चुकी हैं। क़रीब 200 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
क्या किसानों ने अपने ही आंदोलन को कमज़ोर किया ? दिल्ली पुलिस जानबूझकर किसानों की छवि ख़राब कर रही है? सरकार जीत पाएगी किसानों का भरोसा? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण।
किसान आंदोलन में हिंसा का पूरा विश्लेषण। सत्य हिंदी के विशेष कार्यक्रम सुनिए सच में। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। Satya Hindi
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। ‘अफ़सोसजनक है कि केन्द्र ने स्थिति इस हद तक बिगड़ने दी’।लाल किले में घुसे किसान, फहरा दिया अपना झंडा
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। हिंसात्मक हुई ट्रैक्टर रैली, एक किसान की मौत । लाल किले में घुसे किसान, फहरा दिया अपना झंडा
किसानों के एक हिस्से ने उपद्रव किया है । पुलिस से मुठभेड हुयी है । एक आदमी की मौत हो गयी है । क्या भटक गया आंदोलन ? आशुतोष के साथ विशेष कवरेज ।
ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की ग्राउंड रिपोर्ट। देखिए क्यों ग़ुस्से में हैं किसान ? Satya Hindi
दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने अधिकारियों की बैठक ली और इसमें सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का फ़ैसला लिया गया। अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती भी की जाएगी।
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान मंगलवार को हिंसा के बाद दिल्ली के बाहरी इलाकों की इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि ये सेवाएँ आज रात 12 बजे से पहले तक बंद रहेंगी।
प्रदर्शन करने वाले किसानों ने मंगलवार को लाल क़िले की प्राचीर से पीले रंग का झंडा फहराया। वह वही जगह है जहाँ से प्रधानमंत्री तिरंगा झंडा फहराते हैं।
किसानों की ट्रैक्टर रैली हिंसात्मक हो गई है। पुलिस और किसानों की झड़प के बीच एक आदमी की मौत हो गई है। मौत की यह रिपोर्ट आईटीओ के पास से आई है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। किसान नेताओं के हाथ से निकली रैली, लाल किले तक पहुंचे किसान । उग्र हुआ प्रदर्शन, डीटीसी बस में हुई तोड़फोड़
किसानों के बेकाबू होने और सैकड़ों लोगों के लाल किला परिसर में दाखिल होने के बाद कृषि क़ानूनों के खिलाफ़ किसान आन्दोलन चलाने वाली शीर्ष संस्था संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों से पल्ला झाड़ लिया है।
किसानों के केंद्रीय दिल्ली तक पहुँच जाने के बाद मेट्रो स्टेशनों के गेट को बंद कर दिया गया है। ग्रीन लाइन के सभी स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। दूसरे कई स्टेशनों सहित आईटीओ मेट्रो स्टेशन के गेट बंद कर दिए गए हैं।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। किसान एकता मोर्चा : आज की रैली को आख़िरी आंदोलन न समझें । राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड; दिल्ली में ही किसानों की 'ट्रैक्टर परेड'
ट्रैक्टर रैली के लिए किसानों ने पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए। सिंघु बॉर्डर पर बचे हुए बैरिकेड को भी किसानों ने तोड़ दिया और फिर पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस ने बल का प्रयोग किया। किसानों पर लाठी चार्ज किया और आँसू गैस के गोले छोड़े।
26 जनवरी को किसान रैली को देश का ही नहीं विदेश का मीडिया भी कवर कर रहा है। वह एक फ़रवरी को भी यह आंदोलन कवर करेगा।