Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ नहीं रहे । शाह के बुलावे पर बातचीत के लिए किसानों ने बनाई 5 सदस्यीय कमेटी
हिंदी टीवी पत्रकारिता के आदिपुरुष और जाने माने ऐंकर विनोद दुआ को मुकेश कुमार के साथ याद कर रहे हैं-राजेश बादल, विजय त्रिवेदी, प्रभात डबराल, जितेंद्र रामप्रकाश, शीतल पी. सिंह, इंदर मोहन, राफ़े सुल्तान-
टीवी पत्रकारिता के दिग्गजों में से एक विनोद दुआ का आज निधन हो गया। जानिए उनकी कैसी थी शख्सियत और उन्होंने क्या-क्या काम किए।
टीवी के जाने-माने चेहरा और वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के निधन की पुष्टि उनकी बेटी ने की है। उनकी पत्नी का भी कोरोना के ख़िलाफ़ लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया था।
पत्रकार विनोद दुआ दिल्ली के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं, जहाँ उनकी हालत गंभीर है।
राजद्रोह के मामले में विनोद दुआ जीते लेकिन क्या इतना काफी है? गौतम गंभीर की मुश्किलें बढ़ीं, दवा जमाखोरी के मामले में होगी कार्रवाई। पंजाब सरकार का आंतरिक संकट गहराया, अमरिंदर कमेटी से मिलेंगे। देखिए दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का विश्लेषण-
पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर राजद्रोह का मुकदमा ठोकना अब आम बात हो गई है .विनोद दुआ बरी हो गए पर औरों का क्या होगा ?आज की जनादेश चर्चा इसी पर
सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार विनोद दुआ के ख़िलाफ़ हिमाचल प्रदेश में दर्ज देशद्रोह के एफ़आईआर को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही इसने कहा कि ऐसे मामलों से सुरक्षा के लिए हर पत्रकार हकदार है।
वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के ख़िलाफ़ शिमला में राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज किया गया है।
विनोद दुआ के ख़िलाफ़ भारतीय जनता पार्टी के एक प्रवक्ता की ओर से दर्ज़ कराई गई प्राथमिकी की चर्चा है। आरोप है कि अपनी तल्ख़ और बेबाक टिप्पणियों से उन्होंने इस पार्टी के नियंताओं को जानबूझ कर परेशान किया है।
वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के ख़िलाफ़ दर्ज कराई गई एफ़आईआर पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने आपत्ति दर्ज कराई है।
सरकार को सामान्य आलोचना भी बर्दाश्त नहीं? और क्या उसे पत्रकारों, स्तंभकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का सरकार के खिलाफ बोलना पसंद नहीं है?