वॉट्सऐप के ज़रिए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी कराने के मुद्दे पर जहाँ एक ओर राजनीति शुरू हो गई है, सरकार ने इस पर बचाव का मुद्रा अपना लिया है।