विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम ने करूर रैली में हुई भगदड़ की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर रविवार को मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पार्टी का आरोप है कि यह हादसा नहीं, बल्कि एक 'साज़िश' का नतीजा था। पार्टी ने भीड़ पर पत्थरबाजी और मौके पर पुलिस की लाठीचार्ज का ज़िक्र किया। इधर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने विजय और रैली के आयोजकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसने दावा किया है कि यह 'जानबूझकर भीड़ जुटाने' की साजिश थी क्योंकि भीड़ को 7 घंटे तक इंतज़ार कराया गया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस घटना की जांच के लिए रिटायर्ड हाई कोर्ट जज जस्टिस अरुणा जगदीसन के नेतृत्व में एक जांच आयोग के गठन की घोषणा की है। तमिलगा वेट्री कझगम प्रमुख विजय की रैली में भगदड़ में कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई, जिसमें बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। 100 से ज़्यादा घायल हुए हैं। इस त्रासदी ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है।
करूर भगदड़: विजय कोर्ट पहुँचे- साजिश की आशंका; डीएमके का बड़ा आरोप
- तमिलनाडु
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- 28 Sep, 2025
Vijay Rally stampede : तमिलनाडु में हुई भगदड़ पर डीएमके ने गंभीर आरोप लगाए कि भीड़ को जानबूझकर जुटाया गया। सरकार ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।

विजय की रैली में भगदड़
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये और अस्पतालों में भर्ती घायल लोगों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। टीवीके सचिव के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की गई है। टीवीके प्रमुख विजय ने कहा है कि इतनी पीड़ा और दुख है कि शब्दों में बयां नहीं कर सकता। रविवार को अपने समर्थकों को एक संदेश में विजय ने कहा कि उनका दिल टूट गया है और उन्होंने मृतकों के परिवारों को 20 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने करूर भगदड़ पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की।