मद्रास हाईकोर्ट ने विजय की तमिलागा वेत्री कझगम यानी टीवीके की रैली में हुई भगदड़ को लेकर पार्टी की जबर्दस्त खिंचाई की। कोर्ट ने कहा कि भगदड़ के दौरान टीवीके के नेता पीड़ितों को छोड़कर भाग गए थे, जो उनकी मानसिकता को दिखाता है। इसके साथ ही अदालत ने घटना की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। पूरे मामले में अदालत ने पार्टी नेताओं की आलोचना की और कहा कि इस अदालत को राजनीतिक अखाड़ा नहीं मानें। जस्टिस एन. सेन्थिलकुमार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी असरा गर्ग के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम यानी एसआईटी गठित करने का आदेश दिया, साथ ही पार्टी की लापरवाहीपूर्ण हरकतों और नेता को पछतावा नहीं होने पर भी आलोचना की।
भगदड़ के दौरान टीवीके नेता भाग गए, ये उनकी मानसिकता: मद्रास हाईकोर्ट
- तमिलनाडु
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- 3 Oct, 2025
मद्रास हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि भगदड़ की घटना के दौरान टीवीके नेताओं का भाग जाना उनकी मानसिकता को दिखाता है। कोर्ट ने इस आचरण पर सख्त नाराज़गी जताई। कोर्ट ने सरकार की भी खिंचाई की।

उन्होंने कहा, 'भगदड़ के समय टीवीके के नेता खुद भाग गए थे। उन्होंने पीड़ितों की मदद नहीं की, जो उनकी मानसिकता को दिखाता है।' कोर्ट ने उस याचिका को 'असभ्य' बताते हुए खारिज किया, जिसमें सीबीआई जांच की मांग थी। कोर्ट ने साफ कहा, 'यह राजनीतिक अखाड़ा नहीं है। न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा रखें।' कोर्ट ने टीवीके पर सवाल उठाया कि भगदड़ के बाद कोई वरिष्ठ नेता पीड़ित परिवारों से मिलने क्यों नहीं गया। कोर्ट ने राज्य पुलिस को ही जांच जारी रखने का निर्देश दिया। 27 सितंबर को करूर में हुई इस भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें बच्चे और महिलाएँ भी शामिल हैं। कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर सार्वजनिक रैलियों के लिए सख्त दिशानिर्देश भी दिए हैं।