बिहार एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला अभी आया भी नहीं है और अब तमिलनाडु ने इसको शीर्ष अदालत में चुनौती देने का फ़ैसला किया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की अध्यक्षता में रविवार को सर्वदलीय बैठक में एसआईआर के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में एसआईआर को लोकतंत्र-विरोधी और तमिलनाडु की जनता के हितों के खिलाफ बताते हुए ईसीआई से इसे तत्काल रोकने की मांग की गई। हालाँकि, इस सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दल शामिल नहीं हुए।

बैठक में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम यानी डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन के कांग्रेस, वीसीके, सीपीआई(एम) जैसे सहयोगी दलों ने भाग लिया। बैठक में कुल 44 राजनीतिक दलों ने भाग लिया। इसमे डीएमडीके भी शामिल थी, जो किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। अन्नाद्रमुक और भाजपा को आमंत्रित नहीं किया गया था। अभिनेता विजय की तमिलगा वेत्री कड़गम यानी टीवीके, एस रामदास की पीएमके और हाल ही में एनडीए से अलग हुए टीटीवी दिनाकरन की एएमएमके को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया। बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार, एसआईआर को तब तक नहीं शुरू किया जाना चाहिए जब तक बिहार एसआईआर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला न आ जाए। बैठक में चुनाव आयोग पर केंद्र की बीजेपी सरकार का 'कठपुतली' होने का आरोप लगाया गया।