तमिल फ़िल्मों के दो सुपरस्टार- रजनीकांत और कमल हासन क्या साथ आएँगे और मिलकर चुनाव लड़ेंगे? क्या कमल हासन रजनीकांत को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करेंगे? इन दोनों सवालों को लेकर तमिलनाडु में इन दिनों बहस हो रही है। क्या शहर, क्या गाँव, कई लोग इन्हीं दोनों सवालों के जवाब जानने को बेताब हैं। लेकिन अगर तमिलनाडु की राजनीति के जानकारों की मानें तो इन दोनों का राजनीति में एक होना बेहद मुश्किल है। इसके कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है, दोनों की अलग-अलग सोच और विचारधारा।
रजनीकांत धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति के इंसान हैं, जबकि कमल नास्तिक हैं और वामपंथी विचारधारा में विश्वास रखते हैं। रजनीकांत ने कभी ऐसा कोई बयान नहीं दिया या कोई ऐसा काम किया, जिससे किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती हो।

























