लाखों कार्यकर्ताओं वाला संगठन आरएसएस एक ओर तो सभी को उनकी पूजा पद्धति को मानने की आज़ादी देने की वक़ालत करता है लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाग़पत जिले के बड़ौत इलाक़े में इसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जो किया है, वह उसकी इस बात को झुठलाता है।

एबीवीपी के नेताओं ने मंगलवार को बड़ौत में स्थित दिगंबर जैन कॉलेज के परिसर में जैन समाज की देवी श्रुतदेवी की प्रतिमा को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। सोशल मीडिया पर जब इसकी जोरदार आलोचना हुई, तो एबीवीपी के नेता को वीडियो जारी कर माफ़ी मांगनी पड़ी। 

एबीवीपी नेता ने कहा कि यह घटना अज्ञानतावश हुई है और आगे से किसी भी तरह का धरना प्रतिमा को लेकर नहीं किया जाएगा। एबीवीपी नेता ने कहा है कि वह जैन समाज के सभी लोगों से इस कृत्य के लिए माफ़ी मांगते हैं।