loader

विवि सील करने पर यूपी सरकार के खिलाफ हो अवमानना की कार्रवाई: आज़म 

समाजवादी पार्टी के बड़े नेता आज़म खान ने कहा है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर करेंगे। आज़म खान ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह उनकी यूनिवर्सिटी को सील किए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करे। सपा नेता ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के मना करने के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी यूनिवर्सिटी को सील किया हुआ है। 

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। आज़म खान ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी रामपुर में स्थित मौलाना जौहर यूनिवर्सिटी से कांटेदार तार की बाड़ नहीं हटाई है। 

उन्होंने कहा कि इस वजह से यूनिवर्सिटी के कामकाज में परेशानी हो रही है। 

ताज़ा ख़बरें
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में 19 जुलाई को अपना जवाब दाखिल करना चाहिए और इस मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।
Azam Khan To Sue UP Government Over Sealing University - Satya Hindi

27 मई को सुप्रीम कोर्ट की एक वैकेशन बेंच ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा आज़म खान की जमानत के लिए लगाई गई शर्त पर रोक लगा दी थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रामपुर के जिला अधिकारी को आदेश दिया था कि वह मौलाना जौहर यूनिवर्सिटी के कैंपस से जुड़ी जमीन को अपने कब्जे में ले लें।

10 मई को हाई कोर्ट ने आज़म खान को जमानत देते हुए यह शर्त लगाई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि रामपुर के जिलाधिकारी यूनिवर्सिटी कैंपस के चारों ओर एक चारदीवारी बनाकर तार बाड़ कर दें।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट की डीवाई चंद्रचूड़ और बेला एम. त्रिवेदी की बेंच ने कहा था कि आज़म खान के ऊपर हाई कोर्ट के द्वारा लगाई गई जमानत की शर्त ठीक नहीं है और यह दीवानी अदालत के फरमान की तरह लगती है।
उत्तर प्रदेश से और खबरें

रामपुर से आने वाले आज़म खान समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में हैं और 2 साल से ज्यादा वक्त तक जेल में रहने के बाद इस साल मई के महीने में वह बाहर आए थे। वह उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद थे। इसके बाद वह रामपुर के चुनाव में सियासी सक्रिय हुए थे। 

कुछ ही दिन पहले उनकी पत्नी और उनके विधायक बेटे अब्दुल्लाह आज़म को जांच एजेंसी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ के लिए तलब किया था। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें