Bareilly Tense Yogi Adityanath:बरेली में तनाव बढ़ गया है। घरों में ताले लगे हैं, परिवार डर के साये में जी रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के मौलाना वाले बयान के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। विपक्षी नेताओं को बरेली नहीं जाने दिया जा रहा है।
बरेली में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है
उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में 'आई लव मुहम्मद' मुद्दे पर हिंसा के बाद शहर तनाव के घेरे में है। पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा खान के नौ और सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। अब तक कुल 82 गिरफ्तारियों के साथ शहर के पुराने इलाकों में दुकानें बंद, घरों पर ताले लटक रहे हैं और परिवार भय के साये में जी रहे हैं। कुछ परिवारों ने दावा किया है कि उन्हें गिरफ्तार लोगों से मिलने तक की इजाजत नहीं मिली।
बरेली में जुमे की वजह से इंटरनेट बंद
बरेली में जारी तनाव के बीच गुरुवार दोपहर 48 घंटे के लिए शनिवार दोपहर 3 बजे तक इंटरनेट सेवाएँ निलंबित कर दी गईं। दरअसल, 3 अक्टूबर को जुमा है। बरेली जिले के कई कस्बों में तनाव की सूचनाएं हैं। इंटरनेट बंद करने की घोषणा करते हुए, जिला प्रशासन ने कहा कि 'फेसबुक, यूट्यूब और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग अफवाह फैलाने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए किए जाने की संभावना है।' प्रशासन ने कहा कि यह कदम शांति बनाए रखने के लिए उठाया गया है। इसके अलावा, इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्थानीय पुलिस के अलावा, पीएसी या प्रांतीय सशस्त्र पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया गया है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों ने विभिन्न इलाकों में ड्रोन से भी निगरानी की।
बरेली के हालात का जायज़ा लेने के लिए कांग्रेस सांसद इमरान मसूद, इमरान प्रतापगढ़ी, पूर्व सांसद दानिश अली ने जाने की कोशिश की लेकिन उससे पहले यूपी पुलिस ने उन्हें रोक दिया या उनके घरों में नज़रबंद कर दिया। नगीना से सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने गुरुवार को इस संबंध में एक लंबा-चौड़ा ट्वीट किया। उन्होंने अन्य बातों के अलावा लिखा है- अगर बरेली में मेरे मुस्लिम भाइयों के साथ कुछ गलत नहीं हुआ है? नाइंसाफी नहीं हो रही है? तो योगी सरकार अपनी पुलिस के दम पर मुझे वहां जाने से क्यों रोकना चाहती है?
बरेली में जो कुछ हुआ वो कानपुर में हुई घटना की प्रतिक्रिया थी। कानपुर में बारावफात के मौके पर आई लव मुहम्मद बैनर को फाड़ा गया। इस पर मुस्लिम युवक भड़के। हिन्दू संगठनों की मांग पर पुलिस ने बैनर लगाने को नई शुरुआत बताया। पुलिस ने एफआईआर कर दी। पूरे देश में आई लव मुहम्मद कहने से रोकने का आरोप लगाते हुए प्रतिक्रिया शुरू हो गई। जगह-जगह प्रदर्शन होने लगे। यही बरेली में भी हुआ लेकिन यहां हिंसा हो गई।
हिंसा की शुरुआत 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हुई थी। जब आईएमसी के नेताओं ने हिन्दू संगठनों के विवादास्पद नारों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके बाद सोमवार को तौकीर खान की गिरफ्तारी के साथ ही झड़पें भड़क उठीं। मंगलवार को आईएमसी के जिला अध्यक्ष ताजिम को एक एनकाउंटर में पैर में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया। बुधवार को फतेहगंज पश्चिमी के नहर इलाके में विशेष अभियान दस्ते (एसओजी) और सीबीगंज पुलिस ने दो आरोपियों मोहम्मद इदरीस उर्फ बोरा (50) और इकबाल खान (48) को घेराबंदी के दौरान गिरफ्तार किया। उन्होंने कथित तौर पर भागने की कोशिश में गोलीबारी का सामना किया। जवाबी कार्रवाई में दोनों के पैरों में गोली लग गई। इंडियन एक्सप्रेस की टीम ने बरेली शहर का जायज़ा लिया।
बरेली में जो नौ प्रमुख गिरफ्तारियां हुई हैं, उनमें डॉ. नफीस खान (65) और उनके बेटे फरहान खान (32), शान (32), मोहम्मद नदीम (45), रिजवान (24), ताजिम (26) और अमान हुसैन (24) भी शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, इदरीस पर चोरी, डकैती और गैंगस्टर एक्ट के तहत 20 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जबकि इकबाल पर लूट और आर्म्स एक्ट के 17 मामले हैं। हालांकि ये सब आरोप हैं। किसी मामले में किसी भी आरोपी को कोर्ट से सज़ा नहीं हुई है। मंगलवार को ही तौकीर के सहयोगियों के खिलाफ सीलिंग और बुलडोजर कार्रवाई भी शुरू की गई।
बरेली में हालात क्यों बिगड़े
बरेली में 26 सितंबर की घटना छोटी थी। ऐसा विवाद कई और शहरों में भी हुआ। लेकिन इसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान कि बरेली का मौलाना भूल गया कि शासन किसका है। ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि दंगाइयों की आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी। योगी ने यह भी कहा कि उपद्रवियों की डेंटिंग पेंटिंग जरूरी है। बरेली पुलिस योगी के बयान के बाद एकदम से सक्रिय हुई। उसने धड़ाधड़ गिरफ्तारियां शुरू कर दीं। कथित आरोपियों के घरों पर बुलडोज़र से कार्रवाई की गई। बरेली में कई मुस्लिम मुहल्ले पुलिस छावनी बन गए हैं। पुलिस की घेरेबंदी से मुहल्ले के लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, न ही वहां बाहर का कोई शख्स पहुंच पा रहा है। इससे तनाव घटने की बजाय बढ़ रहा है। बरेली, रामपुर और मुरादाबाद मुस्लिम आबादी के मद्देनज़र संवेदनशील जिले हैं। योगी मौलाना वाला बयान अब पूरी दुनिया में सोशल मीडिया पर वायरल हैं। कई प्रमुख हस्तियों ने योगी के बयान पर चिन्ता जताई है और उसकी निन्दा की है। लोगों का कहना है कि योगी जो भाषा बोल रहे हैं, वो चिन्ताजनक है, उस पर फौरन ध्यान देने की जरूरत है।
बरेली के पुराने शहर, नौमहला मस्जिद, आला हजरत दरगाह, इस्लामिया मार्केट और रोहली टोला जैसे इलाकों में सन्नाटा पसर गया है। आईएमसी काउंसलर अनीस मियां के परिवार ने बताया कि उनके बेटे लापता हैं। मोइन (36) और मुबीं अहमद सिद्दीकी (32) भाइयों के परिवार ने भी निराशा जताई। तौकीर के भाई तौसीफ रजा ने अपील की, "निर्दोष लोगों को रिहा करें और घरों पर बुलडोजर न चलाएं।"
बरेली के कई मुहल्लों की पुलिस ने घेरेबंदी कर दी है। इससे तनाव घट नहीं रहा है।ब
विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, "वे सिर्फ मुद्दे को हवा देना चाहते हैं और प्रोपगैंडा फैलाना चाहते हैं। संभल के बाद अब बरेली में भी यही हो रहा है। योगी सरकार राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों से ध्यान भटकाना चाहती है।" सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने दावा किया कि उन्हें नजरबंद किया गया है। उन्होंने मांग की है कि धार्मिक स्थलों से राजनीतिक घोषणाओं पर रोक लगानी चाहिए।
पुलिस ने चेतावनी दी है कि अशांति फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। शहर में भारी पुलिस बल तैनात है, लेकिन स्थानीय निवासियों का डर कम नहीं हो रहा। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया, "यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ है जिन्होंने अशांति भड़काने की कोशिश की। जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। हमें सबूत मिले हैं कि कुछ बाहरी लोग भी इस घटना में शामिल थे।" बुधवार के एनकाउंटर पर उन्होंने कहा, "एसओजी और सीबी गंज पुलिस ने फतेहगंज पश्चिमी के नहर इलाके को घेरा था। आरोपी भागने के लिए गोली चलाने लगे, जिसके जवाब में दोनों के पैरों में गोली लग गई।"