उमर अब्दुल्ला
NC - गांदरबल
जीत
उमर अब्दुल्ला
NC - गांदरबल
जीत
इल्तिजा मुफ्ती
PDP - श्रीगुफवारा-बिजबेहरा
हार
आईआईटी-बीएचयू की 20 वर्षीय बी.टेक छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में तीन लोगों को 1 नवंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था। 1 नवंबर की रात आईआईटी बीएचयू परिसर में एक छात्रा के साथ भयावह यौन हिंसा हुई। छात्रा अपने हॉस्टल जा रही ती। उसी समय उसे बाइक पर तीन लोगों ने बंधक बना लिया। जिन्होंने उसके साथ छेड़छाड़ की, फिर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। 1 नवंबर की घटना के तुरंत बाद, बीएचयू के छात्र पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए विरोध में उठ खड़े हुए, लेकिन योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर बर्बर हिंसा की। आईआईटी बीएचयू के छात्र चुप नहीं बैठे। उनका आंदोलन जारी रहा। दो महीने बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया। क्योंकि इनमें से दो आरोपी भाजपा का चुनाव प्रचार करने पार्टी की ओर से मध्य प्रदेश भेजे गए थे। उनकी वापसी का इंतजार पुलिस कर रही थी।
वाराणसी के लंका पुलिस स्टेशन के एसएचओ शिवाकांत मिश्रा ने कहा, मामले में तीन लोगों - कुणाल पांडेय, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल को गिरफ्तार किया गया है। कुणाल पांडेय और आनंद भाजपा आईटी सेल से जुड़े हुए थे। बाद में भाजपा ने दोनों को निष्कासित कर दिया और उनसे दूरी बना ली।
क्यों मिली जमानतः दोनों आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली है। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी पक्ष इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ ठोस सबूत पेश नहीं कर सका। दोनों का पुराना आपराधिक रेकॉर्ड भी नहीं है। दोनों पर पहली बार किसी अपराध में आरोप लगा है। इसलिए इनकी जमानत मंजूर की जाती है। यहां यह बताना जरूरी है कि अदालत रेप और गैंगरेप के मामलों में बिना ठोस कारण जमानत नहीं देती। रेप के आरोपी कई बार चार-चार साल तक जेल में रहते हैं, तब जाकर उनकी जमानत होती है। लेकिन इस मामले में आरोपी को आठ महीने में ही जमानत मिल गई। भाजपा शासित यूपी में सरकारी पक्ष यानी पुलिस को ठोस सबूत तलाशने थे। लेकिन जब गिरफ्तारी में ही दो महीने लग गए तो सबूत की क्या उम्मीद की जा सकती है।
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