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भाजपा नेता और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ

भाजपा और योगी अब गोमांस को चुनाव में क्यों लाए, जबकि इसके कई नेता खुद खाते हैं

लोकसभा के दूसरे चरण का मतदान शुक्रवार को समाप्त हो गया। उम्मीद के विपरीत इस बार 2019 की तुलना में मतदान कम हुआ। मतदान कम होने से भाजपा परेशान है। संभल में मतदान तीसरे दौर में 7 मई को होगा। लेकिन संभल के आसपास मतदान शुक्रवार 26 अप्रैल को था। योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को संभल में थे। योगी ने संभल में विवादित बयान दिया। उनका बयान मीडिया ने प्रमुखता से लिया है। पीटीआई समाचार एजेंसी के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने कहा- “कांग्रेस के बेशर्म लोग गौमांस (गाय का मांस Cow Meat) खाने का अधिकार देने का वादा करते हैं, जबकि हमारे ग्रंथ गाय को माता कहते हैं। वे गायों को कसाइयों के हाथ में सौंपना चाहते हैं। क्या भारत इसे कभी स्वीकार करेगा?” पीटीआई के मुताबिक यूपी भाजपा के एक बयान में आदित्यनाथ के हवाले से कहा गया है।

वे (कांग्रेस) अल्पसंख्यकों को उनकी पसंद का खाना खाने की आजादी देना चाहते हैं, मतलब वे गोहत्या की अनुमति देने की बात कर रहे हैं।


-योगी आदित्यनाथ, 26 अप्रैल 2024 सोर्सः पीटीआई

पीटीआई के मुताबिक आदित्यनाथ संभल लोकसभा सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार परमेश्वर लाल सैनी के समर्थन में मुरादाबाद जिले के बिलारी में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया भाषणों को दोहराते हुए, सीएम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस 'स्त्रीधन' (महिलाओं की संपत्ति) को जब्त करने और इसे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के बीच वितरित करने का इरादा रखती है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में लोगों की संपत्ति के एक्स-रे की बात कही है। उन्होंने कहा, "इसका मतलब यह है कि अगर किसी के घर में चार कमरे हैं, तो वे उनमें से दो कमरे ले लेंगे। इतना ही नहीं, कांग्रेस कहती है कि वह महिलाओं की जूलरी (आभूषण) पर कब्जा कर लेगी, देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा।" हालांकि यहां यह बताना जरूरी है कि ये बातें पूरी तरह से फर्जी हैं। कांग्रेस के घोषणापत्र में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है। मीडिया इस बात को बार-बार बता रहा है कि कांग्रेस घोषणापत्र में मुसलमानों को संपत्ति बांटने जैसा या हिन्दू महिलाओं के आभूषण छीनने जैसी बात या उससे मिलती जुलती कोई भी बात नहीं लिखी है।

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भाजपा के नेता भी खाते हैं गोमांस

भाजपा के कई नेता समय-समय पर कहते रहे हैं कि वे बीफ खाते हैं। 20 फरवरी 2023 की इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मेघालय बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने दावा किया है कि भाजपा में गोमांस खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने आगे कहा, भाजपा किसी जाति, पंथ या धर्म के बारे में नहीं सोचती। इंडिया टुडे से बात करते हुए मावरी ने खुलासा किया कि वह खुद गोमांस खाते हैं और पार्टी को इससे कोई दिक्कत नहीं है। मावरी ने कहा, "बीजेपी में कोई समस्या नहीं है। बीजेपी किसी जाति, पंथ या धर्म के बारे में नहीं सोचती। हम जो चाहें वो पा सकते हैं। ये हमारी खान-पान की आदत है। किसी राजनीतिक दल को इससे दिक्कत क्यों होनी चाहिए?" 

मेघालय भाजपा नेता अर्नेस्ट मावरी ने उस समय कहा था- "मेघालय में हर कोई गोमांस खाता है और राज्य में इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यह हमारी आदत और संस्कृति है। हम अपनी खान-पान की आदतों का पालन करते हैं और हमारे लिए कोई प्रतिबंध नहीं है, कोई दिशा निर्देश नहीं है।"

गोमांस समर्थक मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 4 जून 2017 को इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए कहा था-  पूर्वोत्तर भारत में बीफ लोगों के खाने में एक अभिन्न हिस्सा है। भाजपा का लोगों पर भोजन की पसंद तय करने का इरादा नहीं है। उन्होंने कहा था- गोमांस की खपत पर रोक लगाने के नाम पर गोरक्षा या हिंसा को राज्य सरकारों को तुरंत रोकना चाहिए और अपराधियों को और अधिक तबाही मचाने या गलत सूचना फैलाने की छूट नहीं देनी चाहिए।

गोमांस बहुत महत्वपूर्ण है। सभी ईसाई इसे खाते हैं, अधिकांश आदिवासी समुदाय, घाटी के लोग गोमांस खाते हैं। यह अब पारंपरिक आहार का हिस्सा है। यहां तक ​​कि युवा पीढ़ी भी अब इसे अपनाने लगी है। भाजपा केवल स्वच्छता उद्देश्यों के लिए अवैध वध से बचने के लिए गोमांस उद्योग को रेगुरलाइज करने की कोशिश कर रही है।


-एन बीरेन सिंह, मुख्यमंत्री मणिपुर, 4 जून 2017, सोर्सः इकोनॉमिक टाइम्स

मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही 2014 में पशु क्रूरता निवारण कानून में बदलाव किया। उसके बाद भाजपा के अंदर तमाम नेता कार्यकर्ता बंट गए। नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के अलावा केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र के नेता-कार्यकर्ता इस मुद्दे पर बंट गए। 1 जून को, भाजपा के वेस्ट गारो हिल्स जिला अध्यक्ष बर्नार्ड एन. मराक ने इस मुद्दे पर पार्टी से अपना इस्तीफा देते हुए कहा, “बीफ हमारी संस्कृति का हिस्सा है; हम इसके बिना नहीं कर सकते; मैं गारो हिल्स के लोगों की आकांक्षा के खिलाफ नहीं जा सकता। शिलांग में कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने धमकी दी कि अगर मवेशी वध पर कानून रद्द नहीं किया गया तो वे पार्टी छोड़ देंगे।
क्वॉलिटी गोमांस खिलाने का भाजपाई वादाः हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में लोकसभा उपचुनाव में मलप्पुरम के भाजपा प्रत्याशी श्रीप्रकाश ने तो अपने लोकसभा क्षेत्र में बढ़िया गोमांस उपलब्ध कराने के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था। 30 अप्रैल 2017 को एचटी ने भाजपा प्रत्याशी श्रीप्रकाश का बयान प्रकाशित किया था। जिसमें श्रीप्रकाश ने कहा- “मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में क्वॉलिटी (गुणवत्तापूर्ण) गोमांस और स्टैंडर्ड बूचड़खाने स्थापित कराऊंगा। मेरे विरोधी सिर्फ मेरी पार्टी को खराब छवि में पेश करने के लिए गोमांस प्रतिबंध का हवाला दे रहे हैं। यह वो दौर था जब भाजपा समर्थित गौरक्षा दल समुदाय विशेष के लोगों पर गौमांस की आड़ लेकर हमले कर रहे थे। दादरी में अखलाक की हत्या इन्हीं हालात में हुई थी, जबकि उनका एक बेटा भारतीय वायुसेना में था। 2017 में सत्ता में आने के बाद यूपी के सीएम आदित्यनाथ ने बड़े का मांस (बीफ) को गोमांस बताकर बेचना तक उसी दौर में बंद करा दिया था। वो अघोषित प्रतिबंध यूपी में आज भी जारी है। मुस्लिमों के त्यौहारों तक पर बीफ उपलब्ध नहीं होता, क्योंकि सरकार के अघोषित आदेश पर पुलिस बीफ बेचने वालों की दुकानें बंद करा देती है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक केरल में मुसलमानों और ईसाइयों के अलावा, बड़ी संख्या में हिंदू गोमांस खाते हैं, जो केरल में खपत होने वाले कुल मांस का लगभग 40% है। एक अनुमान के अनुसार हर साल पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक से दस लाख मवेशी केरल लाए जाते हैं। 

BJP and Yogi now brought cow meat into lok sabha elections, while many leaders themselves eat beef - Satya Hindi
भाजपा के दिग्गज नेता स्व. मनोहर पारिक्कर, जो गोवा के सीएम भी रहे

गोमांस के बड़े समर्थकों में भाजपा नेता मनोहर पारिक्कर

भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार और कभी प्रधानमंत्री पद के योग्य माने जाने वाले गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मनोहर पारिक्कर तक ने गोमांस का समर्थन किया था। 2017 में बतौर गोवा मुख्यमंत्री मनोहर पारिक्कर ने पीटीआई से बात करते हुए कहा था कि बीजेपी ने कभी नहीं कहा कि गोमांस नहीं खाया जा सकता। राज्य में गोमांस पर कोई रोक नहीं। भाजपा यह आदेश नहीं देती है कि गोमांस नहीं खाया जा सकता। हम किसी भी स्थान पर भोजन की आदतों को निर्देशित नहीं कर सकते हैं। यह लोगों को तय करना है।
गोवा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर परिक्कर ने जुलाई 2017 में गोवा विधानसभा में कहा था- मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि राज्य में गोमांस की कोई कमी न हो और जरूरत पड़ने पर इसे पड़ोसी राज्यों से आयात किया जाएगा। यहां यह बताना जरूरी है कि 21 राज्यों में गोहत्या पर प्रतिबंध है। छत्तीसगढ़, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित इनमें से कुछ राज्यों में गोमांस की खपत पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में भी इस पर प्रतिबंध है। केरल उन आठ राज्यों में शामिल है जहां गोहत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालाँकि, वध के लिए पशु बाजारों से मवेशियों की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगाने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद मई 2017 में केरल में व्यापक विरोध प्रदर्शन और "बीफ़ उत्सव" आयोजित किए गए थे।
ऐसे बहुत सारे भाजपा नेताओं के बयान हैं जो गोमांस और बीफ के समर्थन में बयान देते नजर आए हैं। लेकिन स्थानाभाव में यहां कुछ का जिक्र किया गया है। लेकिन जो सबसे खास बात समझने की है, वो ये कि योगी आदित्यनाथ जो गौमांस का विरोध करते हैं, वे यही बात और भाषण केरल, तमिलनाडु, गोवा, कर्नाटक में क्यों नहीं कहते। दक्षिण भारत के राज्यों में भाजपा के इन नेताओं की भाषा क्यों बदल जाती है। पीएम मोदी और काफी हद तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस चुनाव में हिन्दू-मुसलमान का राग उत्तर भारत में अलापते हैं लेकिन दक्षिण भारत में वो हिन्दू मुसलमान की बात नहीं करते, वहां वो विकास की बात करते हैं। 

भारत में हिन्दुओं के हाथ में बीफ निर्यात का कारोबार

अत्यधिक मांस की खपत के लिए मुसलमानों को अनावश्यक रूप से बदनाम किया जाता है और निशाना बनाया जाता है, जबकि तथ्य यह है कि ईसाई और यहूदी सबसे अधिक मांस खाने वाला समुदाय हैं। यहूदियों के साथ सबसे खास बात यह है कि वे जमकर गोमांस खाते हैं। यहूदियों के मांस खाने की मुख्य शर्त यह भी है कि वे मुस्लिमों की तरह सिर्फ हलाल मांस खाते हैं। दुनिया का सबसे बड़ा बीफ़ मांस निर्यातक देश ब्राज़ील है, इसके बाद भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन हैं। 

भारत में 6 बीफ मांस के बड़े निर्यातक हैं। जिसमें 4 कंपनियों के मालिक हिन्दू हैं। ये हैं - अल-कबीर एक्सपोर्ट्स प्रा. लिमिटेड, मालिक अतुल सभरवाल, मुंबई, अरेबियन एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, मालिक सुनील कपूर मुंबई, एम.के.आर फ्रोजन फूड एक्सपोर्ट्स प्रा. लिमिटेड, मालिक मदन एबॉट, नई दिल्ली, पी.एम.एल इंडस्ट्रीज प्रा. लिमिटेड, मालिक ए.एस. बिंद्रा, चंडीगढ़।

हलाल मीट के निर्यातक भाजपा नेता संगीत सोम

द हिन्दू अखबार ने 10 अक्टूबर 2015 में अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि पश्चिमी यूपी में भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार और भाजपा विधायक संगीत सोम का भी एक बीफ कंपनी में हिस्सा है। द हिंदू के पास उपलब्ध दस्तावेज़ों के अनुसार, उग्र गोमांस विरोधी प्रदर्शनों में सबसे आगे रहने वाले और मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के आरोपी भाजपा विधायक संगीत सिंह सोम ने भारत की अग्रणी हलाल मांस निर्यात कंपनियों में से एक की स्थापना की। कंपनी, अल-दुआ फ़ूड प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड, की स्थापना 2005 में मांस और मांस उत्पादों में डील करने के लिए संगीत सोम ने मोइनुद्दीन क़ुरैशी और एक तीसरे साथी के साथ डील की थी। अल-दुआ की वेबसाइट के अनुसार, कंपनी अब " भारत से हलाल मांस का अग्रणी उत्पादक और निर्यातक है।''

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क़मर वहीद नक़वी
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