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जूता कांड पर बीजेपी झुकी तो बेटे की जगह बाप को टिकट क्यों?

संतकबीरनगर के जूताकांड के चलते लगातार फ़ैसला टाल रही बीजेपी ने आख़िरकार उत्तर प्रदेश में अपनी अंतिम सात प्रत्याशियों की सूची जारी की है। साथी ठाकुर विधायक पर सरकारी बैठक में जूते की बौछार कर देने वाले संत कबीरनगर के सांसद शरद त्रिपाठी का टिकट बीजेपी ने काट दिया है। हालाँकि ब्राह्मणों की नाराज़गी न मोल लेते हुए पार्टी ने सांसद शरद त्रिपाठी के पिता रमापतिराम त्रिपाठी को देवरिया से टिकट दे दिया है। जूताकांड के बाद हुई फ़ज़ीहत और इसके चलते पूर्वांचल में शुरू हो गए ठाकुर-पंडित विवाद के चलते बीजेपी ने पूरे क्षेत्र के टिकट काफ़ी दिन तक रोक रखा था। लंबी जद्दोजहद और काफ़ी विचार-विमर्श के बाद बीजेपी नेतृत्व ने इस क्षेत्र के सात टिकट फ़ाइनल किए हैं। 

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भोजपुरी फ़िल्मों के अभिनेता रवि किशन को गोरखपुर से टिकट दिया गया है, जबकि पिछली बार सपा के टिकट पर यहाँ से जीतने वाले प्रवीण निषाद को संतकबीरनगर से बीजेपी ने उतारा है। प्रवीण निषाद कुछ ही दिन पहले बीजेपी में शामिल हुए हैं और उनकी निषाद पार्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया है। बता दें कि एक सरकारी बैठक में बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी ने बीजेपी के विधायक को ही जूते से पीट दिया था। 

न ब्राह्मण न ठाकुर, संत कबीरनगर निषाद को

संत कबीरनगर ज़िले में बीते महीने ज़िला योजना समिति की बैठक में किसी बात पर कहासुनी होने के बाद बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी ने मेंहदावल से विधायक और योगी के क़रीबी राकेश सिंह बघेल पर जूता चला दिया था। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी की काफ़ी फ़ज़ीहत हुई थी। हालाँकि घटना के बाद पार्टी न तो सांसद और न ही विधायक पर कोई कार्रवाई कर सकी और उलटे इलाक़े में ठाकुर बनाम पंडित विवाद शुरू हो गया। संतकबीरनगर और आसपास के ब्राह्मणों की नाराज़गी को देखते हुए बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी का टिकट काटने की हिम्मत नहीं कर पा रही थी। शरद जहाँ राजनाथ सिंह के क़रीबी हैं वहीं जूता खाने वाले मेंहदावल विधायक राकेश सिंह योगी के ख़ास हैं। लंबी बहस के बाद आख़िरकार शरद की जगह उनके पिता को दूसरी सीट देवरिया से टिकट देकर मनाया गया और गोरखपुर के सांसद प्रवीण निषाद को संतकबीरनगर से लड़ाने का फ़ैसला किया गया।

बीच का रास्ता रवि किशन में दिखा

संत कबीरनगर की आँच गोरखपुर तक आ पहुँची थी। यहाँ की सीट ख़ुद योगी आदित्यनाथ की है और उनके समर्थकों ने इस सीट से किसी स्थानीय ब्राह्मण को लड़ाने पर विद्रोह की चेतावनी दे डाली थी। योगी के संगठन हिन्दू युवा वाहिनी के पहले अध्यक्ष रहे और अब विरोधी सुनील सिंह इस सीट से नामांकन कर चुके हैं। पहले यहाँ से स्थानीय विधायक महेंद्रपाल सिंह को भी लड़ाने पर विचार किया गया था। आख़िरकार योगी आदित्यनाथ ने अपने समर्थकों से बातचीत कर उन्हें रवि किशन के नाम पर राज़ी कर लिया। रवि किशन शुक्ला जौनपुर के रहने वाले हैं और पिछला चुनाव अपने गृह जनपद से कांग्रेस के टिकट पर लड़ चुके हैं।

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निषादों को ख़ास तरजीह भी दी

बीजेपी ने आज की अपनी सूची में देवरिया सीट पर भी चली आ रही उठापटक को ख़त्म करते हुए रमापतिराम त्रिपाठी को उतार दिया है। कलराज मिश्रा को उम्र का हवाला देते हुए उनका टिकट काटने के बाद इस सीट से पूर्व सांसद प्रकाश मणि त्रिपाठी के बेटे के साथ पूर्व पत्रकार व प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी दावेदारी कर रहे थे। बीजेपी के लिए इस सीट पर फ़ैसला ख़ासा मुश्किलों भरा था। जहाँ शलभ की पैरवी बीजेपी के कई केंद्रीय नेता कर रहे थे वहीं उनके विरोध में ख़ुद कलराज मिश्रा और कुछ हद तक योगी भी थे। शरद त्रिपाठी को संतकबीरनगर से हटा उनके पिता को यहाँ से लड़ाने के फ़ैसले के बाद इस विवाद का पटाक्षेप हो गया है।

दूसरी ओर निषाद पार्टी से गठबंधन और गोरखपुर से सांसद प्रवीण निषाद को पार्टी में लेने के बाद बीजेपी ने मल्लाह बिरादरी को ख़ासी तवज्जो दी है। अब बीजेपी ने फतेहपुर, आँवला, भदोही व संतकबीरनगर से इस बिरादरी के लोगों को टिकट दिया है। भदोही से बीजेपी ने हाल ही में पार्टी में आए रमेश बिंद को उतारा है। भदोही से कांग्रेस ने बाहुबली रमाकांत यादव को टिकट दिया है।

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कुमार तथागत
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