loader

बुलंदशहर हिंसा मामले में प्रशांत नट हिरासत में

बुलंदशहर में गोकशी के बाद हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने प्रशांत नट नाम के व्यक्ति को हिरासत में लिया है। पुलिस ने दावा किया है कि प्रशांत नट ने ही इंस्पेक्टर को गोली मारी थी। बुलंदशहर में हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई थी, साथ ही एक स्थानीय युवक की भी जान चली गई थी।

पुलिस के अनुसार, विडियो फुटेज के आधार पर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या में नट को संदिग्ध पाया गया है। बुलंदशहर हिंसा के दौरान वायरल हुए एक विडियो में प्रशांत नट पुलिसकर्मियों से उलझता हुआ दिखाई दे रहा है।

अब सवाल यह उठता है कि पुलिस ने प्रकाश नट को अचानक कैसे हिरासत में ले लिया। क्योंकि इससे पहले प्रशांत का नाम पुलिस ने नहीं लिया था। जबकि मामले में मुख्य आरोपी योगेश राज अब तक फ़रार है। योगेश राज बजरंग दल की ज़िला इकाई का संयोजक है और फ़रारी के दौरान ही उसने अपना एक विडियो भी शेयर किया था। 
सुबोध कुमार सिंह ग्रेटर नोएडा के दादरी में हुए अख़लाक हत्‍याकांड मामले में जाँच अधिकारी रह चुके थे। बता दें कि इससे पहले पुलिस ने इंस्पेक्टर की हत्या मामले में जीतू फ़ौज़ी को गिरफ़्तार किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को उनकी सरकार के ख़िलाफ़ राजनीतिक साजिश करार दिया था। 
पुलिस ने बवाल के बाद अभियुक्तों की धरपकड़ के लिए उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी कर दी थीं। साथ ही बुलंदशहर पुलिस के अफ़सरों के नंबर भी जारी किए थे, ताकि आरोपी किसी को दिखें तो वह पुलिस को सूचना दे पाए।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें