loader
शाहजहांपुर में प्रदर्शन करते कांग्रेस नेता। फ़ोटो साभार - फ़ेसबुक पेज कांग्रेस - उत्तर प्रदेश

यूपी: चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ मार्च निकालने से पहले ही कांग्रेस नेता नज़रबंद

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता चिन्मयानंद पर एक युवती द्वारा बलात्कार का आरोप लगाये जाने के मामले में सोमवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में मार्च निकालने की तैयारी कर रहे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने नजरबंद कर लिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शाहजहांपुर से लेकर लखनऊ तक मार्च निकालने की अनुमति मांगी थी लेकिन पुलिस ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। 

पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को पुलिस ने नज़रबंद कर लिया और तीन अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने शाहजहांपुर जिले की सभी सीमाओं को भी बंद कर दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा उठाने की तसवीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। कुछ ही दिन पहले पुलिस ने मामले में 23 वर्षीय पीड़िता को गिरफ़्तार कर लिया था। पीड़िता पर चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने का आरोप है। पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस पीड़िता को घर से घसीटकर ले गई थी। 
ताज़ा ख़बरें

चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली 23 वर्षीय पीड़िता ने कहा था कि उसके पास पूर्व सांसद के कम से कम 35 वीडियो हैं। पीड़िता ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि इन वीडियो के आधार पर उसे इंसाफ़ ज़रूर मिलेगा। पीड़िता ने अंग्रेजी अख़बार ‘द संडे एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा था कि जब भी उसे कॉलेज कैंपस में बने चिन्मयानंद के आवास पर मसाज के लिए बुलाया जाता था तो वह ऐसा चश्मा पहनती थी जिसमें ख़ुफ़िया कैमरा लगा होता था। 

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें
पीड़िता के परिवार का आरोप था कि पूर्व सांसद चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दख़ल दिया था और स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम यानी एसआईटी गठित कर कार्रवाई करने को कहा था और इलाहाबाद हाई कोर्ट से मामले की निगरानी करने कहा था। चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए यूपी सरकार और पुलिस पर भारी दबाव था। पीड़िता ने भी आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद चिन्मयानंद को गिरफ़्तार कर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया था।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें